नयी दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के परिवार को उनके अपने आधिकारिक बंगले का उपयोग करने की अनुमति दी, जबकि सिसोदिया को 28 फरवरी, 2023 को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट का निर्णय:
• मुख्य न्यायाधीश विभू बखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा, “हम इस मामले में कोई आदेश पारित करना उचित नहीं समझते। यदि नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो संबंधित प्राधिकरण कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।”
याचिका के प्रमुख बिंदु:
• याचिकाकर्ता संजय जैन, जो स्वयं को एक सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट बताते हैं, ने आरोप लगाया, मनीष सिसोदिया और उनके परिवार ने मार्च 2023 में आतिशी को आवंटित बंगले का उपयोग करना जारी रखा। यह नियमों का उल्लंघन है क्योंकि बंगले का उपयोग केवल आतिशी और उनके परिवार को करना चाहिए था। उन्होंने इस मामले में “अनियमितता” के लिए क्षतिपूर्ति की वसूली की मांग की थी।
बंगले का आवंटन और स्थानांतरण:
1. 2015 में आवंटन:
मनीष सिसोदिया को AB-17, मथुरा रोड बंगला तब आवंटित किया गया था जब वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बने।
2. 2023 में इस्तीफा:
सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को इस्तीफा देने के बाद 14 मार्च, 2023 को बंगले को खाली करने का नोटिस मिलने पर इसे छोड़ दिया।
3. आतिशी को आवंटन:
मार्च 2023 में यह बंगला आतिशी को आवंटित किया गया।
4. सिसोदिया का स्थानांतरण:
सिसोदिया और उनका परिवार अक्टूबर 2024 में बंगले से बाहर निकला, सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी 17 महीने की जेल अवधि समाप्त करने के बाद।
5. नया निवास:
सिसोदिया अब 32, राजेंद्र प्रसाद रोड पर रह रहे हैं, जो पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह को आवंटित केंद्र सरकार की संपत्ति है।
कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो प्राधिकरण कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।