अदालतदिल्ली

चुनाव कराना हिंसा कराने का लाइसेंस नहीं है.. इस सख्त टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने की ममता सरकार की याचिका ख़ारिज

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया था कि राज्य के हर जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए।
चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की वेकेशनल बेंच ने मंगलवार 20 जून को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। किसी भी चुनाव को पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए और हिंसा के माहौल में कभी भी निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव नहीं कराया जा सकता। इसके साथ ही राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव कराना, हिंसा कराने का लाइसेंस नहीं है।
राज्य सरकार को सुरक्षा बलों से ऐतराज क्यों ?
जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि राज्य में 2013 और 2018 के पंचायत चुनाव के दौरान भी व्यापक तौर पर हिंसा हुई थी और इसलिए हाईकोर्ट की ओर से केंद्रीय बलों की की तैनाती का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर राज्य सरकार और चुनाव आयोग को केंद्रीय बलों की तैनाती पर क्या ऐतराज है ।
निष्पक्ष और हिंसारहित चुनाव कराना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष होना चाहिए और निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की बड़ी जिम्मेदारी है। कलकत्ता हाईकोर्ट की ओर से दिया गया आदेश राज्य चुनाव आयोग को निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव कराने में मदद करेगा।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 8 जुलाई को मतदान होना है। 15 जून को नामांकन की आखिरी तारीख थी मगर राज्य के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आ चुकी हैं।
विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच तनातनी
हिंसा की घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। भाजपा और कांग्रेस का आरोप है कि राज्य प्रशासन और पुलिस की मदद से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हिंसा पर उतारू हैं। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष के इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष के पास पंचायत चुनाव के लिए दमदार उम्मीदवार नहीं हैं और इसी कारण टीएमसी पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
8 जुलाई को होंगे पंचायत चुनाव
राज्य चुनाव आयोग ने आठ जून को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान किया था। पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होंगे। वहीं, 11 जुलाई को वोटों की गिनती होगी। आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव में करीब 74,000 सीटों के लिए कुल 2,36,464 नामांकन पत्र दाखिल किये गये हैं।

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