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वसुधैव कुटुम्‍बकम् के लिए योग की भावना के साथ 21 जून को विश्व मनाएगा नौवां अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस कल दुनिया के सभी देशों में मनाया जाएगा। इस वर्ष योग दिवस का विषय है- वसुधैव कुटुम्‍बकम् के लिए योग।योग हमारे मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है। योग करके व्यक्ति अच्छा जीवन जीना सीखता है। २१ जून को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं . संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को योग दिवस का भव्य आयोजन किया जाएगा।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय से लेंगे योग दिवस पर हिस्सा
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुख्‍यालय में योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे। संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को योग दिवस का भव्य आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जून को नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यहां पहली बार संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व करेंगे।सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में यहां 21 जून को होने वाले योग दिवस समारोह में 180 से अधिक देशों के लोग भाग लेंगे, इनमें कई राजनयिक, कलाकार, शिक्षाविद और उद्यमी शामिल होंगे।इसे ऐतिहासिक दिन के तौर पर देखा जा रहा है
प्रधानमंत्री की पहल पर हुई थी शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों के बाद अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी . प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2014 के संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में अपने संबोधन में हर वर्ष २१ जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया था। उनके इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला और तब से विश्‍व के सभी देशों में अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने घोषित किया अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस
संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने अपने प्रस्‍ताव में 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। 2015 से विश्‍वभर में अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जन-अभियान के रूप में उभरा।
योग-प्राणायाम क्यों होता है ज़रूरी
प्रातः सुबह योग करने से शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा मिलने की प्रक्रिया में सुधार होता है, सही तरीके से रक्‍त संचार होता है और सांस और हृदय से संबंधित रोगों तथा मधुमेह से बचाव होता है। प्राणायाम जैसे सांस के योगासन से लोगों को तनाव और चिंताओं से मुक्‍त होने में मदद मिलती है। कोविड महामारी के दौरान लोगों को इस रोग के बाद दुष्‍प्रभावों से उबरने में काफी मदद मिली। नियमित रूप से योग के अभ्‍यास से लोग तनावमुक्‍त रहते हैं और संतुलित जीवन जीते हैं, जो समय की मांग है।
योग भारत की विरासत का अभिन्न अंग
योग भारत के लिए गर्व का विषय है और भारतीय सांस्‍कृतिक तथा अध्‍यात्‍मिक विरासत का अभिन्‍न अंग है। यह स्‍वस्‍थ जीवन के लिए प्राचीन वैज्ञानिक ज्ञान परंपरा का भाग है और इसे दैनिक जीवन में अपनाने से जीवन आसान और सहज हो सकता है। विश्‍व में योग के महत्‍व और इसके प्रसार को देखते हुए सरकार ने पर्यटकों को वीजा और ई-टूरिस्‍ट वीजा के अंतर्गत अल्‍पकालिक योग कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी है।

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