जयपुर

राजस्थान में शुरू हुई काले झंड़ों की राजनीति

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा को कोटा और खानपुर में भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झण्डे

जयपुर। राजस्थान में अब काले झंड़ों की राजनीति भी शुरू हो गई है। विरोधी पार्टियों के नेताओं को काले झंड़े दिखाने की यह परंपरा ने राजस्थान में हाल ही में तेजी पकड़ी है। इससे पूर्व ऐसी घटनाएं यदा—कदा ही सामने आती थी। मंगलवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा को भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने कोटा और खानपुर में काले झण्ड़े दिखाए। डोटासरा के झालावाड़ से खानपुर जाते वक्त कार्यकर्ताओं ने खानपुर मिनी सचिवालय के सामने अचानक काले झण्डे लेकर सड़क पर आए गए और डोटासरा को काली झण्डे दिखाए गए। कुछ ही समय पूर्व कोटा संभाग में ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की कार को भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर घेरकर काले झंड़े दिखाए थे। भाजपा की ओर से उस समय आरोप लगाया गया था कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पूनिया की गाड़ी को हाथों से पीटा और पत्थर भी फेंका था।

जानकारी के अनुसार नेशनल हाईवे 27 के बाईपास पर ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में सड़क पर आ गए और उन्हें काले झंडे दिखाए। कोटा भाजयुमो जिला अध्यक्ष सुदर्शन गौतम और महामंत्री नरेंद्र मेघवाल के नेतृत्व में दिखाए गए। हाईवे पर ही मौजूद भाजयुमो नेताओं को तुरंत डोटासरा के साथ काफिले में चल रही पुलिस की गाडिय़ों ने हिरासत में ले लिया। दोनों को पुलिस अपनी जीप में बैठाकर ले गए। अन्य कार्यकर्ताओं को हाईवे से खदेड़ते हुए नीचे भेज दिया।अचानक हुए इस घटनाक्रम से पुलिस और खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सकते में आ गए। डोटासरा के दौरे को देखते हुए पुलिस ने भी पुख्ता इंतजाम पूरे हाईवे पर किए। डोटासरा मंगलवार को झालावाड़ दौरे पर आए। वे कोटा की बाहरी सीमा से ही सीधे झालावाड़ के लिए निकल गए।

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