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निगम चुनाव स्थगन के लिए राज सरकार शीर्ष अदालत में

सर्वोच्च न्यायालय में राज सरकार लगाएगी एसएलपी

जयपुर। राजस्थान सरकार राज्य के छहों नगर निगमों के चुनाव टालने की हरसंभव कोशिश में है। चुनाव स्थगित कराने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाने जा रही है। हालांकि इस दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को जयपुर, जोधपुर और कोटा के छह नगर निगमों के चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं।

उच्च न्यायालय के आदेशानुसार चुनाव

राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए उसके 31 मार्च 2021 तक छहों नगर निगमों के चुनाव कराने के लिए मांगी गई अनुमति को खारिज कर दिया। इस तरह जुलाई में किए गए उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार 31 अक्टूबर 2020 तक ही नगर निगमों के चुनाव कराने जरूरी हो गए हैं।  राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा का कहना है कि उच्च  न्यायालय इन्हीं आदेश के नुसार इन तीनों शहरों के नगर निगमों के चुनाव होने हैं। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि वे ऐसे में चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियों पर काम करना तत्काल शुरू कर दें। तीनों शहरों में कोविड संक्रमितों की संख्या ज्यादा होने के कारण अधिक सजगता और सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

चुनाव स्थगन के लिए है पर्याप्त आधारः राज्य सरकार

शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि निगम चुनाव स्थगित कराने के लिए राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। इसके लिए एसएलपी लगाई जा रही है। उनका कहना है कि जयपुर, जोधपुर और कोटा शहरों में चुनाव होने हैं और तीनों ही शहरों में प्रदेश के सर्वाधिक कोरोना रोगी हैं। इन शहरी चुनाव या नगर निगमों के चुनाव की तुलना पंचायती राज चुनाव से नहीं कर सकते जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय ने 15 अक्टूबर तक कराने के निर्देश दिए थे। धारीवाल का कहना है कि राज्य सरकार भी चाहती है कि चुनाव हों। वह चुनाव टालने के पक्ष में नहीं है। चूंकि इन तीनों शहरों में जबर्दस्त कोरोना संक्रमण फैला हुआ है और मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं ?

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