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राजस्थान सरकार जयपुर में हेरिटेज सिटी के निर्माण की ओर बढ़ा रही कदम, परकोटा शहर की प्रतिकृति तैयार करने पर होगी पुरातत्व नियमों की अवहेलना

जयपुर। राजस्थान सरकार वर्ल्ड हेरिटेज सिटी जयपुर की तर्ज पर आगरा रोड पर नई हेरिटेज सिटी परियोजना के निर्माण की ओर कदम बढ़ा रही है, लेकिन सरकार का यह कदम पुरातत्व नियमों की अवहेलना की श्रेणी में आ सकता है। पुरातत्व नियमों के अनुसार किसी भी संरक्षित वस्तु या इमारत की प्रतिकृति तैयार करना गैर कानूनी माना जाता है। जयपुर के परकोटा शहर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया है, ऐसे में पूरा परकोटा शहर संरक्षित स्मारक की श्रेणी में है।

जयपुर शहर में आगरा रोड़ के दक्षिण में प्रस्तावित हैरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। जिसमें जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में आगरा रोड़ के दक्षिण में प्रस्तावित हैरिटेज सिटी हेतु जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार विशिष्ठ पैरामीटर्स के संदर्भ में चर्चा की गई। हैरिटेज सिटी के प्रावधानों अनुसार हैरिटेज सिटी का विकास वर्तमान परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर किया जाना है, जिसमें हैरिटेज सिटी के रोड़-नेटवर्क को पुराने शहर की तर्ज पर ग्रीड आयरन पैटर्न के अनुसार रखा गया है और चैराहों पर चैपड़ें व हैरिटेज सिटी में प्रवेश के लिए 9 प्रवेश-द्वार प्रस्तावित किये गये है। हैरिटेज सिटी में डिवाईडर, भूखण्डों की बाउण्ड्रीवाॅल व भवनों का विकास राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है। हैरिटेज सिटी में मिश्रित भू-उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है। हैरिटेज सिटी विषिष्ठ पैरामीटर्स में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 2 हैक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा एंव गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 5 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र एवं 5 प्रतिशत अन्य सुविधाओं हेतु आरक्षित रखा जाना होगा।  

धारीवाल ने निर्देष दिये कि हैरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा हैरिटेज सिटी के भूखण्डों पर भवनों हेतु राजस्थानी वास्तुकला के 8-10 टाईप डिजाईन तैयार किये जाएं। हैरिटेज सिटी क्षेत्र में भूखण्डों का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर रखा जावे तथा हैरिटेज सिटी में भूखण्डों का क्षेत्रफल व माप नियंत्रित किये जाने हेतु मानक निर्धारित किये जावे। जैसे कि हैरिटेज सिटी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर तथा 500 वर्गमीटर के भूखण्ड ही अनुमोदित किये जावे। हैरिटेज सिटी के प्रस्ताव में प्रमुख सड़कें न्यूनतम 18 मीटर सड़क निर्धारित की जाए एवं हैरिटेज सिटी में प्रस्तावित योजनाओं में न्यूनतम आन्तरिक सड़क का मार्गाधिकार 12 मीटर निर्धारित किया जाए। हैरिटेज सिटी के प्रमुख सड़कों के सहारे-सहारे जयपुर परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर बरामदे व दुकाने प्रस्तावित की जाए, जिसका विकास जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाए। जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा हैरिटेज सिटी की सड़कों के विस्तृत रोड़ सेक्षन, प्रवेश द्वारों व भवनों के टाईप डिजाईन तैयार किया जाकर उक्त सड़कों व बरामदों का निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाए।

धारीवाल ने यह भी निर्देश भी दिये कि जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर हैरिटेज सिटी प्लान की क्रियान्विति हेतु खातेदारों से सुझाव प्राप्त किये जावे एवं खातेदारों को जाॅईट वेंचर हेतु प्रेरित किया जाए। हैरिटेज सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति हेतु क्षेत्र में नियमन पर रोक लगाई जाए।

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