मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा-आरएएस मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग न्यायोचित नहीं, सभी भर्तियां निश्चित समय में पूरी करना राज्य सरकार की प्राथमिकता
जयपुर, 21 फरवरी। आरएएस मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाएं समयबद्ध रूप से आयोजित कर सभी भर्तियां एक निश्चित समय में पूरी करना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। इसी के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान कर्मचारी बोर्ड द्वारा भर्ती कैलेण्डर जारी कर उसके अनुरूप परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है।
आरएएस मुख्य परीक्षा का आयोजन भी 25 एवं 26 फरवरी, 2022 को आरपीएससी के कैलेण्डर के अनुसार किया जा रहा है। मुख्य परीक्षा में शामिल हो रहे अधिकांश अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा तय समय पर हो। परीक्षा स्थगित होना अधिकांश परीक्षार्थियों के हित में नहीं है क्योंकि इससेे उन पर आर्थिक एवं मानसिक दबाव पड़ेगा। ऎसे में, कुछ अभ्यर्थियों द्वारा की जा रही मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग न्यायोचित नहीं है।
गहलोत ने कहा कि आरएएस की भर्ती प्रक्रिया के तीन चरणों प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार को एक वर्ष में पूरा करने के लिए प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षा के बीच 90 से 100 दिन का अंतराल रखना आवश्यक है। इससे अधिक अंतराल होने से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
आरएएस मुख्य परीक्षा का आयोजन समय पर नहीं होने से आरपीएससी द्वारा जारी भर्ती कैलेण्डर की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी विलम्ब होने की आशंका है। पूर्व में भी वर्ष 2013 से लेकर 2021 के बीच आयोजित आरएएस भर्ती परीक्षाओं को लेकर न्यायालय में वाद दायर होने से भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में विलम्ब हुआ है। आरएएस भर्ती 2021 की प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन 27 अक्टूबर, 2021 को हुआ था एवं परिणाम 19 नवम्बर, 2021 को जारी किया गया था। ऎसे में मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय मिला है।
गहलोत ने कहा कि मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का यह कहना भी तर्कसंगत नहीं है कि परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण उन्हें तैयारी का पूरा समय नहीं मिल पाया क्योंकि राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में यह स्पष्टीकरण जारी किया जा चुका है कि पाठ्यक्रम में थोड़ा सा बदलाव वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप किया गया समसामयिक बदलाव है। नए शामिल किए गए टॉपिक पुराने विषयों से जुड़े हुए ही हैं तथा परीक्षा का अधिकांश सिलेबस यथावत है। इससे मुख्य परीक्षा में बैठ रहे अभ्यर्थियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।