जयपुर। राजस्थान में किसानों की जमीनों की नीलामी के मामले में सियासी बवाल शुरू हो गया है। एक तरफ भाजपा इस मामले में सरकार को घेरने में जुटी है, वहीं मामले को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि अब प्रदेश में किसानों की जमीनों को नीलाम नहीं किया जाएगा।
दौसा के लालसोट में पिछले दिनों कर्ज नहीं चुका पाने के कारण कथित किसान आत्महत्या मामले में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की अगुवाई में पीड़ित किसान परिवार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया, लेकिन मुख्यमंत्री निवास के ठीक पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया।
लालसोट के रामगढ़ पचवारा में कजोड़ नामक किसान ने बैंक से कर्जा लिया था जो ब्याज सहित सात लाख के करीब हो गया। इस बीच किसान कजोड़ मल की मौत हो गई। इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने किसान के दो बेटे से पैसे जमा करवाने के लिए 4 बार नोटिस दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वो कर्ज नहीं चुका सके। जिसके बाद उनकी भूमि की नीलामी कर दी गई।मामला प्रकाश में आते ही भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पीड़ित परिवारों के साथ सीएमआर पहुंच गए।
मुख्यमंत्री आवास के बाहर जुटे किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस ने समझाइश के जरिए बस में बैठा कर वहां से स्टेच्यु सर्किल ले गए और उन्हें छोड़ दिया। इसके बाद मीणा वहां से सीएमओ में चले गए और अधिकारियों को कर्जामाफी और किसानों की जमीनों की नीलामी रोकने को लेकर ज्ञापन सौंपा।
मीणा का आरोप है कि करोड़ों की जमीन नीलामी में ओने पौने दाम में बेच दी गई। हालांकि, भाजपा के दबाव के बाद सरकार ने नीलामी तो निरस्त करा दी लेकिन किरोड़ी लाल मीणा ने पीड़ित परिवार को 25 लाख के मुआवजे की मांग रख दी है।