जयपुर। राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए शैक्षणिक ऑडिट कराएगी। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा है कि शैक्षणिक ऑडिट से तकनीकी शिक्षा में व्याप्त कमियों की जानकारी सामने आ पाएगी।
उन्होंने कहा कि कोराना काल में राज्य सरकार और समाज के सहयोग के लिए तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत अभियांत्रिकी महाविद्यालयों द्वारा कम कीमत के वेंटीलेटर अथवा हाईफ्लो ऑक्सीजन सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए।
संस्कृत शिक्षा के लोकप्रियता प्राप्त कर रहे देववाणी एप की तर्ज पर तकनीकी शिक्षा में भी लेक्चर या कोर्स आधारित एप विकसित किया जाना चाहिए। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बांसवाड़ा में जनजातीय क्षेत्र के जनजातीय विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बांसवाड़ा में जनजातीय विद्यार्थियों को फीस न होने के आधार पर प्रवेश से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
डॉ. गर्ग ने सोमवार को तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की बीओजी बोर्ड ऑॅफ गवर्नर्स की ऑनलाइन बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा के अध्यापक, लैब और पढ़ाने के तरीकों की शैक्षणिक ऑडिट करवाकर गुणात्मक सुधार किया जाएगा।
उन्होंने तकनीकी शिक्षा शासन सचिव शुची शर्मा, इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ साईन्स बैंगलोर के प्रोफेसर एन.सी. शिवप्रकाश, एमएनआईटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर आर.पी. दहिया, एनआईटीके सूरतकल के प्रोफेसर अश्वनी चतुर्वेदी, संयुक्त शासन सचिव तकनीकी शिक्षा प्रथम अनिल कुमार अग्रवाल, संयुक्त सचिव तकनीकी शिक्षा द्वितीय मनीष गुप्ता की ऑनलाइन उपस्थिति में अभियांत्रिकी महाविद्यालय अजमेर, महिला अभियांत्रिकी महाविद्यालय अजमेर, अभियांत्रिकी महाविद्यालय बांसवाड़ा तथा अभियांत्रिकी महाविद्यालय झालावाड़ा की शाषी परिषद की ऑनलाइन बैठक को सम्बोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार सहित कई बिन्दुओं पर चर्चा की।
ऑनलाइन बैठक में विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी शिक्षा के तहत ऑनलाइन वेबिनार आयोजित करवाए जाने सहित अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत ढ़ाचे यथा कम्प्यूटर लैब का उपयोग पास के विद्यालयों के विद्यार्थियों के कम्प्यूटर उन्नयन के लिए किया जाना चाहिए। अभियांत्रिकी महाविद्यालयों द्वारा लेक्चर या कोर्स आधारित एप विकसित किए जाने का सुझाव भी दिया गया।