मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की भारी जीत के 11 दिन बाद, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने फडणवीस को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 22 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। शपथ ग्रहण से पहले फडणवीस ने सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति बप्पा का आशीर्वाद लिया और गौमाता की पूजा की।
शपथ ग्रहण समारोह में फडणवीस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
एक मुख्यमंत्री, दो डिप्टी सीएम
शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित हुआ, जहां फडणवीस के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी शपथ ली। शिंदे और पवार को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। पिछली महायुति सरकार में शिंदे मुख्यमंत्री थे, जबकि फडणवीस और अजित पवार उपमुख्यमंत्री के पद पर थे। इस बार बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुना। मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी होने की उम्मीद है।
विशेष सत्र और संभावित मंत्रिमंडल विस्तार
नए विधायकों को शपथ दिलाने और स्पीकर के चुनाव के लिए 7 दिसंबर से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसके बाद दिसंबर के मध्य में नागपुर में शीतकालीन सत्र आयोजित होगा। सूत्रों के अनुसार, फडणवीस इससे पहले अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। पिछली सरकार में मंत्रियों की कुल संख्या 28 थी, लेकिन इस बार यह बढ़ने की संभावना है। महायुति 2.0 के तहत 50:30:20 फॉर्मूला अपनाया जा सकता है, जिसमें बीजेपी को 21, शिवसेना को 12, और एनसीपी को 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।
फडणवीस का तीसरा कार्यकाल
देवेंद्र फडणवीस ने आजाद मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2014 में उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री का पद संभाला और पांच साल तक सरकार चलाई। 2019 में शिवसेना के अलग होने और एनसीपी के समर्थन वापसी के चलते उनकी सरकार मात्र पांच दिनों में गिर गई। इस बार का शपथ ग्रहण समारोह भव्य था, जिसमें शाहरुख खान, सलमान खान, और उद्योग जगत की कई प्रमुख हस्तियां भी उपस्थित रहीं।
देवेंद्र फडणवीस का तीसरा कार्यकाल उनकी राजनीतिक स्थिरता और बीजेपी की मजबूती को दर्शाता है। आने वाले समय में उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र की नई सरकार किस तरह से कार्य करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।