जयपुर। एसीबी की विशेष अनुसंधान इकाई ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए नगर निगम ग्रेटर के चीफ फायर ऑफिसर जगदीश फुलवारी को उसके वाहन चालक श्रवण कुमार के माध्यम से परिवादी से 50 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि विशेष अनुसंधान इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई थी कि उसकी फर्म द्वारा लगाए गए अग्रिशमन उपकरणों के संबंध में एनओसी जारी करने के एवज में जगदीश फुलवारी 1 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान कर रहा है।
शिकायत मिलने के बाद विशेष अनुसंधान इकाई ने शिकायत का सत्यापन कराया और सत्यापन के दौरान ही आरोपियों ने परिवादी से 50 हजार रुपए वसूल लिए। इसके बाद गुरुवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में पुलिस निरीक्षक रघुवीर शरण की टीम ने ट्रेप आयोजित कर चीफ फायर ऑफिसर के वाहन चालक श्रवण कुमार को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एसीबी ने चीफ फायर ऑफिसर जगदीश फुलवार को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के निवास एवं अन्य ठिकानों पर जांच की कार्रवाई की जा रही है।
फायर शाखा में दशकों पुराना है घूस का खेल
नगर निगम सूत्रों का कहना है कि नगर निगम की फायर शाखा में घूस का खेल दशकों पुराना है और पहले भी कई चीफ फायर ऑफिसर व अन्य अधिकारी-कर्मचारी घूस लेते ट्रेप हो चुके हैं। जगदीश फुलवारी से पहले तीन चीफ फायर ऑफिसर गोपीचंद शर्मा, संजय शर्मा और नरोत्तम वर्मा को एसीबी घूस लेते ट्रेप कर चुकी है।
घर की दुकान, पहले लगवाओ सामान
निगम सूत्रों का कहना है कि फायर शाखा में घूस लेने का तरीका अलग होता है। यहां लगने वाले अधिकारी अपने परीजनों के नाम पर फायर इक्विपमेंट की दुकान खोल लेता है। जो भी एनओसी के लिए आवेदन करता है, उसपर दबाव बनाया जाता है कि उनकी ही फर्म से फायर इक्विपमेंट लगवाए जाएं। फायर इक्विपमेंट लगवाने के बाद बिल में रिश्वत की रकम भी जोड़कर वसूल कर ली जाती है। वसूली गई रिश्वत की रकम का ऊपर से लेकर नीचे तक बंटवारा हो जाता है।