नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए उन्हें संविधान का बार-बार उल्लंघन करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पिछले 10 वर्षों के फैसले भारत की ताकत और एकता को बढ़ाने के उद्देश्य से लिए गए हैं, जो संविधान की भावना के अनुरूप हैं।
संविधान को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने का आरोप
पीएम मोदी ने कहा, “एक परिवार ऐसा है जिसने संविधान को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने इसे कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह प्रक्रिया पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से शुरू हुई और परिवार में आगे बढ़ती रही। उन्होंने संविधान को अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए निशाना बनाया।”
मोदी ने यह बयान लोकसभा में संविधान के लागू होने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित दो दिवसीय विशेष सत्र के समापन भाषण के दौरान दिया। इस अवसर पर उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC), नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), और अनुच्छेद 370 को हटाने जैसे अपने फैसलों का जोरदार बचाव किया।
नेहरू द्वारा पहले चुनाव से पहले संविधान में संशोधन
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में संशोधन का सिलसिला 1951 में ही शुरू हो गया था, जब पहला चुनाव भी नहीं हुआ था। उस समय नेहरू अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने संविधान में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन कर प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया, जो संविधान सभा के सदस्यों की गहन चर्चा के बाद शामिल किया गया था।
मोदी ने कहा कि नेहरू इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि संविधान उनकी राह में बाधा नहीं बन सकता। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा था, “संविधान को बाधा नहीं बनने दिया जा सकता और अगर यह हमारी राह में आता है तो इसे किनारे कर देना चाहिए।”
इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय का जिक्र
मोदी ने इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल के दौरान किए गए संशोधनों और शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए राजीव गांधी द्वारा बनाए गए कानून का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “यह एक गरीब बुजुर्ग महिला के साथ न्याय की कोशिश पर एक प्रहार था और वोट बैंक की राजनीति के चलते कट्टरपंथियों के आगे झुकने का प्रतीक था।”
उन्होंने आपातकाल को देश के इतिहास का “सबसे काला अध्याय” बताते हुए कहा, “लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया था और हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया था। यह सिर्फ इसलिए थोपा गया था क्योंकि इंदिरा गांधी एक अदालत द्वारा सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के बावजूद सत्ता में बनी रहना चाहती थीं। यह कांग्रेस के लिए एक ऐसा दाग है जिसे वह कभी नहीं मिटा पाएगी।”
राहुल गांधी और कांग्रेस के फैसलों पर प्रहार
पीएम मोदी ने राहुल गांधी द्वारा कैबिनेट के फैसले को सार्वजनिक रूप से फाड़ने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद के प्रति जवाबदेह केंद्रीय मंत्रिमंडल को एक “अहंकारी व्यक्ति” के कारण अपने फैसले को वापस लेना पड़ा।
संविधान से प्रेरित योजनाएं और उपलब्धियां
मोदी ने कहा कि संविधान की वजह से ही उन्हें, एक साधारण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद, तीन बार प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि उनकी सभी योजनाएं, जैसे सबके लिए स्वास्थ्य देखभाल, शौचालयों का निर्माण, मुफ्त गैस कनेक्शन, वन नेशन-वन राशन कार्ड, और देश में भौतिक व डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार, संविधान की भावना से प्रेरित हैं।
मोदी के इस बयान को विपक्ष के खिलाफ एक आक्रामक हमला माना जा रहा है, खासतौर पर नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल के संदर्भ में।