जयपुर

भारतीय संविधान विश्वभर के लोकतंत्रों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या: राज्यपाल मिश्र

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में संविधान पार्क का लोकार्पण व महाराजा सूरजमल की प्रतिमा का शिलान्यास

जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि भारतीय संविधान शासन प्रणाली और राज्य को चलाने के लिए बनाया गया महत्वपूर्ण दस्तावेज ही नहीं है बल्कि यह वह मार्गदर्शक प्रकाश स्तंभ है, जिससे हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का संचालन होता है।

राज्यपाल मिश्र संविधान दिवस के अवसर पर शनिवार को भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में नवनिर्मित संविधान पार्क के लोकार्पण के अवसर पर संबोधित कर रहे थे । उन्होंने महाराजा सूरजमल की भव्य प्रतिमा का शिलान्यास किया और ‘भारतीय संविधान और संस्कृति’ विषयक संगोष्ठी का शुभारम्भ भी किया।

मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान विश्वभर के लोकतंत्रों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या है। इसमें अधिकारों के साथ-साथ नागरिकों को कर्तव्यों के बारे में भी सचेत किया गया है। उन्होंने संविधान दिवस के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनाने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ संविधान प्रदत्त मूल कर्तव्यों की पालना के लिए भी जागरूक करना है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान, संस्कृति और राष्ट्र तीनों एक दूसरे के पूरक है इन तीनों में से किसी एक को अलग नहीं किया जा सकता ।

राज्यपाल ने महाराजा सूरजमल को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने वीरता और शौर्य के साथ सूझ-बूझ, दूरदर्शिता से अपने साम्राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। मुगल शासकों को ही उन्होंने अपने पराक्रम से नहीं हराया बल्कि उन्होंने राजस्थान के इतिहास को नई ऊंचाईयां प्रदान की। राज्यपाल श्री मिश्र ने महाराजा सूरजमल के युद्ध कौशल, जीवन मूल्यों, धरोहर और उनके योगदान के बारे में शोध कार्य को प्रोत्साहन देने का सुझाव भी विश्वविद्यालय को दिया ।

पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में महाराजा सूरजमल से सम्बंधित सामग्री का संग्रहालय स्थापित किया जाये जिससे उनके इतिहास के बारे में आमजन को जानकारी मिल सके।

भरतपुर लोकसभा क्षेत्र की सांसद रंजीता कोली ने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर हुए संविधान पार्क के लोकार्पण के पश्चात भावी पीढ़ी को संविधान के सम्बंध में जानने की जिज्ञासा जाग्रत होगी जिससे वे संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात कर सकेंगे।

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