गांव-ढ़ाणियों तक बाल विवाह, बाल श्रम, बाल हिंसा व यौन हिंसा की रोकथाम के बारे में करेगी जागरूक
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर बाल संरक्षण संकल्प यात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इससे पूर्व अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सात जिलों की 140 ग्राम पंचायतों में इस यात्रा के द्वारा राज्य सरकार द्वारा बाल संरक्षण हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा ताकि गांव-ढ़ाणी तक बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता लाई जा सके व कोई भी बच्चा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित ना रहे। मुख्यमंत्री बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ व पिंकसिटी साइकिल रिक्शा चालक संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि बच्चे हमारी अमूल्य धरोहर है तथा बच्चों के सामाजिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य विकास के साथ उन्हें संरक्षण प्रदान करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। राज्य सरकार बाल यौन हिंसा, बाल विवाह, बाल मजदूरी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के अंतर्गत हर 20 दिन बाद बाल मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी विभाग भाग लेंगे। मेले में ग्राम भ्रमण के दौरान पात्र व्यक्तियों को योजनाओ से लाभांवित करने हेतु चिन्हित कर लिए गए आवेदनों का मौके पर निस्तारण किया जाएगा।
बाल संरक्षण एवं कल्याण हेतु सरकार चला रही अहम योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा व संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना, वात्सल्य योजना, उत्कर्ष योजना, गोराधाय ग्रुप बालक देखभाल योजना, बाल मित्र योजना, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना, पालनहार आवासीय छात्रावास योजना, बाल गृह, उड़ान योजना, शिक्षा सेतु योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना जैसी महत्वकांक्षी योजनाएं चला रही हैं। आमजन तक इन योजनाओं की जानकारी पहुंचाना हमारा दायित्व है। स्वयंसेवी संस्थाओं, प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रोनिक मीडिया का भरपूर सहयोग इस पुनीत कार्य में लिया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के रख-रखाव मद में वृद्धि करते हुए राजकीय एवं गैर-राजकीय अनुदानित गृहों में प्रति आवासी व्यय 2938 रूपए कर दिया गया है। प्रत्येक जिले में किशोर न्याय बोर्ड का गठन किया गया है।
गहलोत ने कहा कि पालनहार योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 5.50 लाख से अधिक बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। बालिकाओं के आत्मरक्षा प्रशिक्षण हेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत लाखों बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। बच्चों के विरूद्ध यौन अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस तंत्र को मजबूत किया गया है।
कल्याणकारी योजनाओं की सफलता में एनजीओ का योगदान महत्वपूर्ण
बाल संरक्षण व बाल कल्याण के क्षेत्र में सरकार के साथ मिलकर उत्कृष्ट कार्य कर रहे अच्छे एनजीओ साधुवाद के पात्र है तथा सरकार के द्वारा उन्हें वित्तीय सहायता में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। हालांकि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है परंतु जानकारी के अभाव में गांव-ढ़ाणी तक इनका लाभ नहीं पहुंच पाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रेरक योजना के माध्यम से सरकार द्वारा 2000 युवाओं को जनकल्याण की विभिन्न योजनाओं को लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। सरकार के पास संसाधन होते है परंतु एनजीओ के कार्यकर्ता एक भाव के साथ जुड़ते है जिससे योजना सफल हो जाती है। वर्तमान राज्य सरकार एनजीओ को प्रोत्साहन देने वाली सरकार है तथा शासन में एनजीओ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से सरकार के साथ मिलकर राज्य में विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को चिन्हित करके शिक्षा से पुनः जोड़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना शिक्षा के जीवन अंधकारमय होता है। मानव संसाधन अच्छी गुणवत्ता का होने पर ही देश का भविष्य बेहतर हो सकता है।
गहलोत ने इससे पहले बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के पोस्टर, बाल संरक्षण संकल्प गीत, शॉर्ट फिल्म ‘डाली‘ व नशा मुक्ति पोस्टर का विमोचन किया। उन्होंने बाल संरक्षण संकल्प पर भी हस्ताक्षर किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय रोलबॉल प्रतिस्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण पदक व कांस्य पदक जीतने वाली राजस्थान की पुरूष व महिला टीम को बधाई देकर उनकी हौसला अफजाई की।