जयपुर। राजस्थान सरकार और यूके ने राइजिंग राजस्थान समिट में एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) किया है, जिसका उद्देश्य डायबिटीज जैसी गंभीर गैर-संचारी बीमारियों से निपटना और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है। यह समझौता राजस्थान के हेल्थ विजन 2025 के तहत किया गया, जिसमें यूके अपने स्वास्थ्य प्रबंधन अनुभव और विशेषज्ञता साझा करेगा।
राजस्थान में डायबिटीज की स्थिति
राज्य में डायबिटीज और प्री-डायबिटीज का प्रसार:
श्रेणी आबादी (%)
डायबिटीज 5.7%
प्री-डायबिटीज 15.2%
डायबिटीज की चुनौतियां:
• स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ता बोझ
• मृत्यु दर में वृद्धि
• रोगियों और परिवारों पर आर्थिक दबाव
यूके और राजस्थान के बीच समझौते के मुख्य बिंदु
1. डायबिटीज प्रबंधन में सहयोग:
o यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) डोज़ एडजस्टमेंट फॉर नॉर्मल ईटिंग (DAFNE) जैसी उन्नत प्रणालियों को राजस्थान के लिए अनुकूलित करेगी।
o टाइप 1 डायबिटीज वाले मरीजों को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रशिक्षण और समाधान प्रदान किए जाएंगे।
2. गुणवत्ता सुधार:
o नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सिलेंस (NICE) के दिशा-निर्देशों का उपयोग।
o स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन और मानकीकरण पर ध्यान।
3. स्वास्थ्य सेवा के 11 प्रमुख क्षेत्र:
o रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR)
o चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती
o डिजिटल स्वास्थ्य
o स्वास्थ्य कार्यबल का प्रशिक्षण
4. अनुभव और ज्ञान का आदान-प्रदान:
o राजस्थान से बड़े पैमाने पर समाधान लागू करने की रणनीति सीखना।
o यूके में प्रवासी भारतीय मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार।
राजस्थान सरकार की पहल और योजनाएं
• हेल्थ विजन 2025:
राज्य की गैर-संचारी बीमारियों पर विशेष ध्यान।
• जनता की भागीदारी:
प्रभावी नीतियां बनाकर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार।
विशेषज्ञों की राय
साइमन मैकनोर्टन, क्षेत्रीय निदेशक, साइंस इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी, ब्रिटिश हाई कमिशन, का कहना है कि “यूके डायबिटीज प्रबंधन में अग्रणी है। यह समझौता न केवल राजस्थान में स्वास्थ्य सेवा सुधारने में मदद करेगा, बल्कि यूके भी राजस्थान से व्यापक अनुभव प्राप्त करेगा।”
राजस्थान और यूके का यह समझौता स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगा। डायबिटीज और अन्य बीमारियों से निपटने के लिए यह साझेदारी राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेगी और अंतरराष्ट्रीय अनुभव का लाभ उठाएगी।