जयपुर

राजस्थान में जल संचयन के लिए होगा काम, राजीव गांधी जल संचय योजना के द्वितीय चरण होगा प्रारंभ

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर किया समितियों का गठन

जयपुर। राजस्थान में अब जल संचयन का कार्य फिर से शुरू किया जाएगा, ताकि अगले मानसून में बारिश के पानी को बचाया जा सके। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर राजीव गांधी जल संचय योजना के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की प्रमुुख शासन सचिव अर्पणा अरोड़ा की ओर से जारी आदेशानुसार राजीव गांधी जल संचय योजना को राज्य में वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण, संरक्षण एवं उपलब्ध जल का न्यायोचित उपयोग करने हेतु लागू किया गया था। उन्होंने बताया कि योजना के द्वितीय चरण के प्रमुख उद्देश्य आम जनता से चर्चा कर प्राथमिकता से पक्के एनीकट, एमआईटी, डब्ल्यूएचएस एवं एमएसटी का निर्माण कराना, विभिन्न वित्तीय संसाधनों का कन्वर्जेन्स कर परंपरागत पेयजल एवं जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित कराना है।

इसी प्रकार गांवों में पेयजल की कमी को दूर करने हेतु पीने के पानी को गांव या गांवों के नजदीक उपलब्ध कराना, भू-जल स्तर में वृद्धि करना, वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना, जल एवं मृदा संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना इत्यादि इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है। राजस्थान के 352 पंचायत समितियों के लगभग 4500 गांवों को इस अभियान में शामिल किया गया है।

अरोड़ा ने बताया कि द्वितीय चरण की कार्य अवधि 2 वर्ष रहेगी। इसके प्रभावी क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इसके साथ ही कार्य योजना के प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यकारी समिती का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग प्रशासनिक विभाग एंव जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग नोडल विभाग रहेगा। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला कलक्टर नोडल अधिकारी रहेंगे।

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