जयपुर

शिव विधायक अमीन खान बोले-हमें इंसाफ नहीं मिलता, जबकि राजनीतिक नियुक्तियों में मिले अहम पद

जयपुर। बाड़मेर के शिव से कांग्रेस विधायक अमीन खान ने गहलोत सरकार में मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाकर सियासी चर्चाओं को बल दे दिया है, जबकि कांग्रेस में कहा जा रहा है कि कांग्रेस कभी मुसलमानों को नाराज नहीं कर सकती है और उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों में कई अहम पद दिए गए हैं।

अमीन खान ने बजट बहस के दौरान कहा- सभी लोग जानते हैं कि मुसलमान 95 प्रतिशत पोलिंग करते हैं और 99 फीसदी वोट कांग्रेस के पक्ष में करते हैं, जितना हम कांग्रेस को सपोर्ट करते हैं, बीजेपी वालों की जितनी जोखिम उठाते हैं, उतना हमें इंसाफ नहीं मिलता हैं इसका हमें दुख है।

अमीन खान ने कहा बीजेपी वालों को तो हम मयार नहीं दे सकते क्योंकि उन्हें हम वोट देते नहीं हैं। कांग्रेस की पुरानी आदत रही है, हम कहते हैं इस आदत को बदल दो, लोग अब अंजान नहीं रहे हैं। कहीं आप चोट खा जाओगे। बजट में अभी देखा है, दूसरों के इलाकों में सड़कें बनी हैं, मेरे इलाके में एक इंच सड़क नहीं बनी है। पुराने जमाने में लोग अनजान थे, अब लोग जानकार हैं। हम गरीबों के लिए विशेष रियायत की आशा करते हैं।

अमीन खान ने कहा किसी वर्ग में 95 प्रतिशत पोलिंग नहीं होती और 99 प्रतिशत वोट एक ही पार्टी को नहीं मिलता। राजस्थान में एससी के चार कैबिनेट मंत्री हैं। मुसलमानों में दो हैं, जनता के काबिल एक भी मुसलमान मंत्री नहीं हैं । शाले मोहम्मद के पास कब्रों का महकमा है जिसका मुसलमानों के अलावा किसी से लेना देना नहीं है। जाहिदा बे पास सरकारी प्रेस है, हमें किताबें तो छपवानी नहीं है। दूसरी ओर वसुंधरा के पास यूनूस खान मंत्री थे, उसके पास दो विभाग थे और दाेनों महत्वपूर्ण विभाग थे।

दबाव बनाने की कोशिश कर रहे खान
उधर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सभी विधायकों को अहम पद दिया जाना संभव नहीं होता है। जो काबिल होते हैं, उन्हें पद मिल जाता है। अमीन खान बेवजह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पूर्व भी वह कई बार विवादित बातें बोल चुके हैं। पिछली गहलोत सरकार में अमीन खान को वक्फ राज्यमंत्री का पद मिला था, लेकिन उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पर विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। राष्ट्रपति भवन की ओर से खान की टिप्पणियों पर नाराजगी प्रकट की गई और सरकार से पूरे मामले का विवरण मांग लिया गया था। खुद मुख्यमंत्री गहलोत को ​दिल्ली जाकर सफाई देनी पड़ गई थी।

दूसरों का हक मारकर दिया फायदा
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि खान का बयान बेबुनियाद है। मुस्लिम समुदाय से दो विधायकों को मंत्री पद दिया गया है। जयपुर के दो अन्य विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां दी गई है। ओबीसी समुदाय माली, कुमावत, यादव, सेन आदि का हक मारकर ओबीसी आयोग का अध्यक्ष पद मुस्लिम समुदाय के दिया गया है। महिला आयोग अध्यक्ष पद भी मुस्लिम समुदाय को मिला है।

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