जयपुर। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि अगले 3 वर्षों में राज्य में ऊंट संरक्षण के लिए 23 करोड़ 65 लाख रुपए की योजना बनाई है। इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। अनुमोदन मिलते ही योजना लागू कर तेजी से ऊंट संरक्षण का काम किया जायेगा।
कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में विधानसभा द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि ऊंट संरक्षण के लिए ऊंट को 16 सितंबर 2014 को राज्य पशु घोषित किया गया और वर्ष 2015 में कानून बना। इसके बाद ऊंटों से परिवहन और वध पर रोक जरूर लगी लेकिन लोगों ने इनको जंगलों में छोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में ऊंट संरक्षण के लिए एक कमेटी बनी हुई है। लगातार बैठकें कर रहे है। सभी सदस्य ऊंट संरक्षण के लिए सुझाव दे सकते है। ऊंटों को सर्रा बीमारी से राहत दिलाने के लिए लगातार शिविर लगाकर दो-दो इंजेक्शन लगा रहे है। आगे जहां भी अतिरिक्त आवश्यकता होगी, वहां और जंगलों में भी शिविर लगाएंगे।
कटारिया ने बताया कि प्रदेश में ऊंट वंश की संख्या में वर्ष 1992 से निरंतर कमी दर्ज हो रही है। राज्य में ऊंटों के संरक्षण के लिए प्रदेश की प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्थाओं पर ऊंटों की चिकित्सा जाँच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है।