जयपुर

जयपुर में सिल्वन जैव विविधता परियोजनाके तृतीय चरण का आगरा रोड पर शिलान्यास

जयपुर। नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी की उपस्थिति में जयपुर के आगरा रोड स्थित सिल्वन जैव विविधता परियोजना तृतीय चरण का वर्चुअल शिलान्यास किया गया।

इस अवसर पर धारीवाल ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2021-22 को मूर्त रूप देने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आगरा रोड पर लगभग 113 हैक्टेयर भूमि पर सिल्वन जैव विविधता वन का विकास किया जा रहा है। जिसका सोमवार को शिलान्यास किया गया है।

धारीवाल ने कहा कि इसके निर्माण से मीलों तक बसी हुई आबादी एवं कॉलानियों को फायदा मिलेगा, शुद्ध वायु मिलेगी, ऑक्सीजोन विकसित होगा, इसके साथ ही अनेक फायदे मिलेंगे और ये वन फेफडों की तरह काम करेंगे। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा इस तरह के वन विकसित होने से आसपास का वातावरण शुद्ध होगा।

जयपुर विकास प्राधिकरण व वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से घाट की गूणी, आगरा रोड से लगभग 5 कि.मी. दूर स्थित सुमेल रोड पर वन विभाग की भूमि पर सिल्वन जैव विविधता वन विकसित किया जा रहा है।

इस परियोजना में वन अधिकारियों के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण हेतु निरीक्षण पथ भी बनाये जाएंगे। इसके अतिरिक्त उक्त जैव विविधता वन में विकास के लिए 760 लाख रुपए का व्यय किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें 397 लाख रुपए सिविल कार्यों और 363 लाख रुपए वानिकी विकास व संधारण हेतु प्रस्तावित है।

इसके तहत वन क्षेत्र में चार दीवारी के सहारे निरीक्षण पथ, फायर लेन, सौलर पेनल, सीसीटीवी इत्यादि एवं वर्षा ऋतु के पानी को एकत्रीकरण कर जीवों को पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

अरावली में पायी जाने वाली लुप्त प्रायः वनस्पतियों का संरक्षण किया जाएगा। जैव विविधता वन सिल्वन में पूर्व से लगे बेर के पौधों का संरक्षण किया जाएगा। इस वन में भूमि पर पाँच हजार पौधे निरीक्षण पथ एवं फायर लेन के साथ सघन वृक्षारोपण किया जायेगा एवं भूमि पर सघन वृक्षारोपण कर वाटिका क्षेत्र विकसित किया जाएगा।

इस वन में विभिन्न प्रकार के तितली प्रजनन क्षेत्र, मोर सरक्षण क्षेत्र, चितल प्रजनन क्षेत्र विकसित किये जायेंगे एवं आमजन के प्रातः व सायंकाल भ्रमण हेतु बनाये गए प्रवेश निकास द्वार पूर्णतः ईकोफ्रेण्डली होंगे। क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की झाडियां लगाई जाएंगी एवं विभिन्न प्रकार के घास के बीज भी बोये जाएंगे।

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