जयपुर

पेपर लीक होने से रद्द हुई टीचर भर्ती परीक्षा, सामान्य विज्ञान का पेपर हुआ लीक, पुलिस ने 40 से अधिक लोगों को लिया हिरासत में

जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर प्रतियोगी परीक्षा का पर्चा लीक हुआ है और विपक्ष ने इस मामले में सरकार को घेरा है। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा माध्यमिक शिक्षा सेकंड ग्रेड टीचर के लिए शनिवार को होने वाला सामान्य ज्ञान का पेपर लीक होने के कारण निरस्त निरस्त कर दिया गया है। शनिवार को सुबह 9 बजे से शुरू होने वाली यह लिखित परीक्षा पूरे प्रदेश में निरस्त की गई है।

शनिवार को पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों पर 4 लाख अभ्यार्थी सामान्य ज्ञान की परीक्षा देने के लिए पहुंच चुके थे परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराने की बजाय उन्हें लौटा दिया गया। इससे प्रदेश के कई केंद्रों पर हंगामे की स्थिति बन गई। पुलिस और परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापक ने अभ्यार्थियों को समझाने का काम किया। इसके बाद अभ्यार्थी निराश होकर लौटे।

सेकंड ग्रेड टीचर पेपर लीक प्रकरण के मामले में उदयपुर पुलिस ने जालौर से आ रही एक बस में 7 पेपर सॉल्व कराने वाले और 37 अभ्यर्थियों को पकड़ा, जिनके पास सामान्य ज्ञान का पेपर मिलने की बात कही जा रही है।उदयपुर पुलिस के अनुसार पेपर लीक होने की जानकारी देर रात मिली। इसके बाद हमने टीम को एक्टिव कर दिया था। बेकरिया थाने के बाहर एक बस को देखा। बाद संदिग्ध लगने पर छानबीन की। बस में बैठे लोगों के पास कुछ पेपर थे।

पुलिस ने पूछताछ के बाद बताया कि यह पेपर 10 लाख में बेचा गया। जो 40 लोग पकड़े, उनमें 7 लड़कियां हैं। पेपर लीक का मास्टरमाइंड जालोर में सरकारी टीचर सुरेश विश्नाेई है। वह जोधपुर का रहने वाला है। विश्नाेई ने पूरी योजना बनाई थी और बस किराए पर ली थी। विश्नोई के साथ पकड़ा गया उसका एक साथी भजनलाल डॉक्टर है। सुरेश को जयपुर से सुरेश धाका और भूपी सारण ने पेपर भेजा था। इसके बाद सुरेश विश्नोई ने भजनलाल के जरिये सबको पहुंचाया। धाका ने वॉट्सऐप के जरिए विश्नोई को पेपर भेजा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरपीएसी के किसी एक व्यक्ति ने धाका और भूपी को पेपर उपलब्ध कराया।

शुरू हुई राजनीति, भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री के घर लगाया ताला

इस पेपर लीक प्रकरण के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। युवा सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वहीं शनिवार को जयपुर में भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने शिक्षामंत्री बीडी कल्ला के घर के बाहर ताला लगाकर सड़क जाम करने की कोशिश की।

मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने (लाठीचार्ज) हल्का बल प्रयोग कर कार्यकर्ताओं को खदेड़ा। पुलिस ने जयपुर शहर युवा मोर्चा अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पूर्ववंशी समेत 6 कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया है। इस दौरान मीडिया कर्मियों से भी पुलिस ने धक्का-मुक्की की। पेपर लीक घटना के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान के घर के बाहर प्रदर्शन किया।

इस प्रकरण के सामने आने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में सरकार भी वीक हो गई है। इसलिए पेपर लीक हो रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की लापरवाही की वजह से नकल गिरोह बेखौफ पेपर लीक की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। अगर रीट के वक्त ही चीटिंग करने वाले युवाओं को सख्त सजा दी जाती, तो आज हालात इतने बुरे नहीं होते, लेकिन राजस्थान की निकम्मी कांग्रेस सरकार की वजह से प्रदेश में पेपर लीक माफिया हर दिन युवाओं के सपनों के साथ खेल रहा है।

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार बनी है। पेपर लीक की घटनाएं बढ़ गई हैं। सरकार ने युवाओं की मांग के बाद नकल रोकने का कानून तो बना दिया। लेकिन उसके तहत कार्रवाई नहीं की जा रही। यही कारण है कि प्रदेश में लगातार पेपर लीक की घटनाएं हो रही है। जिससे लाखों युवाओं का भविष्य खतरे में आ गया है। अगर सरकार ने समय रहते नकल गिरोह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। तो प्रदेश के युवा आने वाले चुनाव में कांग्रेस को करारा जवाब देंगे।

पेपर आउट होने के मामलों पर गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलनरत दिग्गज बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार पर बड़ा हमला बोला है। मीणा ने कहा कि प्रदेश के युवाओं की मेहनत पर डाका डालने वाले, अपने नजदीकी डकैतों को बचाने वाले प्रदेश के मुखिया जी आखिर कब तक दिखावे का कानून बनाकर करते रहोगे ढोंग? जब पारदर्शी परीक्षा करवा ही नहीं सकते तो दिखावे कि भर्ती निकालकर प्रदेश के बेरोज़गारों के साथ क्यों कर रहे हो छल? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, मैं पहले भी REET, SI, जेईएन, कांस्टेबल पेपर मामले को लेकर आप से सीबीआई जांच की करता मांग करता रहा हूं, लेकिन आपने CBI जांच की अनुशंसा नहीं की, क्योंकि आप बड़े मगरमच्छों को बचाना चाहते हैं, दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवाओं के साथ छल हो रहा है और आपकी सरकार गहरी नींद सो रही है।

राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में एक बार फिर पेपर माफियाओं ने अपना वर्चस्व दिखाते हुए प्रशासन को सीधी चुनौती दी है। गहलोत सरकार के संरक्षण में पेपर माफिया इस कदर पनपा है, कि पूरे सिस्टम पर हावी है और पेपर लीक होना सरकार के गाल पर तमाचा है। मुखिया जी, आपके शासन में हर मेहनतकश युवा के साथ अन्याय हो रहा है। आप अगला बजट युवाओं को समर्पित करने का दावा कर रहे हैं लेकिन प्रदेश में ऐसी कोई भी भर्ती परीक्षा नहीं है जिसमें पेपर लीक के कारण युवाओं के साथ छल ना हुआ हो।आपने सदन में पारित विधेयक के बाद कितने दोषियों को सजा दी है?

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