जयपुरराजनीति

क्या राजस्थान में भी छत्तीसगढ़ मॉडल..? पायलट समर्थकों को है ‘गुड न्यूज’ का इंतजार

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के दिल्ली से लौटने के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई है। जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ में कांग्रेस की अंदरूनी कलह सुलझाने के बाद पार्टी की तरफ से शायद राजस्थान के लिए भी कोई रास्ता निकाल लिया गया है। हालांकि सचिन पायलट स्वयं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन अपने समर्थकों से वो लगातार मुलाकात कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत करने से अभी मना कर दिया है।
हालांकि पायलट के समर्थकों में उत्साह देखने को मिल रहा है। सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले विधायक इंद्राज गुर्जर ने ट्वीट किया था, ‘गुड न्यूज जल्द आने वाला है। कृपया धैर्य बनाए रखे दोस्तों।’ हालांकि कुछ ही समय बाद गुर्जर ने ट्वीट को हटा लिया था।
टीएस सिंह देव को पायलट की बधाई
राजस्थान की राजनीति में इस बात की चर्चा है कि जिस तरह से छत्तीसगढ में टीएस सिंह देव को उपमुख्यमंत्री बनाकर उनकी नाराजगी को दूर किया गया ठीक उसी तरह सचिन पायलट को एक बार फिर से डिप्टी सीएम राजस्थान में बनाया जा सकता है। टीएस सिंह देव को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर उन्हें बधाई भी दी थी। उन्होंने लिखा था कि श्री टी. एस. सिंह देव जी को छत्तीसगढ़ का उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
छत्तीसगढ में भी लंबे समय से चल रहा था विवाद
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता संघर्ष की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी संघर्ष 2018 में पार्टी के सत्ता संभालने के तुरंत बाद से ही विवाद शुरू हो गया था। अगस्त 2021 में, देव ने मुख्यमंत्री पद पर अपना अधिकार जताया था। उन्होंने कहा था कि बात ढाई-ढाई साल को लेकर हुई थी। हालांकि कांग्रेस के 70 में से 55 विधायकों का समर्थन दिखाकर बघेल ने अपनी स्थिती मजबूत कर ली थी। बाद में गांधी परिवार ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत किया था।
डोटासरा ने दिल्ली में खड़गे से की मुलाकात
देव को दूसरे नंबर पर लाने के कांग्रेस के त्वरित निर्णय के बाद, गुरुवार को पायलट की भूमिका को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। इधर बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों और राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष खड़गे और प्रभारी एसएस रंधावा से दिल्ली में चर्चा की।
पायलट के साथ वादे नहीं पूरे
पायलट के समर्थकों का कहना है कि अशोक गहलोत के खिलाफ 2020 के विद्रोह के बाद कांग्रेस ने पायलट के साथ किए गए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया है। गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने उस दौरान अधिकांश कांग्रेस विधायकों को अपने समर्थन में लेकर सचिन पायलट के विद्रोह को दबा दिया था। उस घटना के बाद से दोनों ही नेताओं के बीच संघर्ष लगातार चलते रहे हैं।

Related posts

2910 किमी सड़कों का नवीनीकरण होगा, पीएमजीएसवाई के तहत मिली 308 करोड़ की राशि स्वीकृत

admin

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Board of Secondary Education) ने 2022 की परीक्षाओं(exams)की तैयारियां शुरू की

admin

राजस्थानः इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना की शुरुआत गुरुवार 10 अगस्त से, मुख्यमंत्री गहलोत बिड़ला सभागार में करेंगे योजना का शुभारम्भ

Clearnews