जयपुरराजनीति

नई भूमिका को तैयार सचिन पायलट, बस आलाकमान से संकेत मिलने का है इंतजार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सोमवार को नई दिल्ली में हुई सुलह के बाद मंगलवार को दोनों नेता जयपुर आ गए। इसके बाद से लोगों में कयास लग रहे हैं कि आखिर बैठक में तय क्या हुआ।
राजस्थान की राजनीति के दो हैवीवेट नेताओं गहलोत और पायलट के बीच सुलह के फार्मूले पर सस्पेंस बना हुआ है। चर्चा का विषय भी है कि इन दोनों नेताओं के बीच क्या सहमति बनी है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में पायलट की भूमिका तय हो जाएगी।
कांग्रेस के पास विकल्प
राजस्थान में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत और पायलट को बुलाकर सुलह कराई है ताकि दोनों नेता मिलकर चुनाव में कांग्रेस को जिताने के लिए मेहनत करें और जनता में भी सही संदेश जाए। दोनों नेताओं की पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में अलग-अलग बैठकों का दौर चला था। आपसी सहमति बनाने के बाद आखिर में देर रात को सुलह का ऐलान किया गया।
पायलट को मिल सकती यह जिम्मेदारी
अब संभावना बताई जा रही है कि पायलट को कुछ दिन के बाद कांग्रेस चुनाव अभियान समिति या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में से कोई एक पद दिया जा सकता है। राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव के समय रघु शर्मा को ये जिम्मेदारी दी गई थी। उस वक्त पायलट प्रदेशाध्यक्ष थे। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने सोमवार रात को मीडिया से कहा था कि भूमिका के बारे में हाईकमान तय करेगा। वेणुगोपाल ने ये भी कहा था कि दोनों नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमति जताई है और मुद्दों को आलाकमान पर छोड़ दिया है।
भूमिका तय करने का काम नेतृत्व का
पार्टी ने दोनों नेताओं के गिले-शिकवे सुन कर आश्वस्त किया है कि दोनों की सम्मानजनक भूमिकाएं तय कर दी जाएगी। दिल्ली से रवाना होने से पहले गहलोत ने मीडिया से कहा अच्छी बैठक हो गई। सभी ने अपनी बात रख दी। अब खरगे जी जानें और राहुल जी जानें। सचिन की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा यह काम आलाकमान का है।
नरम पड़ते दिखे तेवर
पायलट के प्रति बयानों में तल्खी दिखा चुके गहलोत के तेवर बैठक के बाद नरम दिखे। गहलोत को पायलट के अल्टीमेटम व उनकी शर्तों के बारे में कुरेदने पर यही कहा कि मिलकर काम करेंगे। अभी पायलट की सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
…इधर, गहलोत की सीपी और धारीवाल से चर्चा
मुख्यमंत्री गहलोत की मंगलवार शाम को उनके निवास पर स्पीकर सीपी जोशी और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के साथ चर्चा हुई। इन तीनों नेताओं की मुलाकात को दिल्ली की बैठक से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
कर्नाटक फॉर्मूला, लागू करना चुनौती
कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान का सियासी बवंडर थामने की दिशा में भी सम्भवतः कर्नाटक की कहानी ही दोहराई है। पिछले चार साल से एक-दूसरे को जमीन सुंघाने की कोशिश में लगे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को चैथी बार एक ही फ्रेम में लाने में आलाकमान कामयाब तो हो गया, पर सुलह का फार्मूला लागू करना पार्टी के लिए चुनौती होगा।
सत्ता वापसी पर रहा सारा जोर
गहलोत-पायलट कुछ राजी तो दिखे, लेकिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष बनाना आसान नहीं है। मंत्रिमंडल में फेरबदल और पायलट की मांगों पर कार्रवाई कर जरूर आग पर छींटों का काम कर सकते हैं। इसमें भी दोनों को संतुष्ट करना चुनौतीपूर्ण होगा। बैठक में आलाकमान ने दोनों नेताओं के सामने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में सत्ता वापसी और आम चुनाव में भाजपा को हराना पार्टी का लक्ष्य है। इसके लिए मतभेद ‘जाजम के नीचे’ दबाकर काम करना होगा। साथ ही गहलोत को ‘जिओ और जीने दो’ और पायलट को धैर्य रखने की सलाह दी गई है।
बिना मध्यस्थता की फोटो का इंतजार
गहलोत-पायलट कैंप के बीच सुलह कराने के लिए पार्टी हाईकमान के प्रयास रंग लाए हों। एकजुटता के दावे करते हुए हम साथ-साथ हैं, की तस्वीरें भी सामने आईं, लेकिन दोनों नेताओं के बीच सुलह कितने दिन बरकरार रहेगी, इसकी चर्चा सियासी गलियारों में खूब है। साल 2018 से लेकर अब तक 4 ऐसे मौके आए हैं, जब इन दोंनों के बीच सुलह की तस्वीरें जारी हुईं। तीन बार तो सुलह का फॉर्मूला ज्यादा दिन नहीं चल पाया।
कलह और सुलह के चार मौके
दिसंबर 2018: दिसंबर, 2018 में चुनाव जीतने के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने के लिए जोर लगाए हुए थे। बाजी गहलोत के हाथ लगी। तब राहुल गांधी ने मध्यस्थता कर पायलट को उपमुख्यमंत्री के लिए मनाया।
अगस्त 2020: जुलाई, 2020 में पायलट समर्थकों के साथ मानेसर चले गए थे। बाद में पार्टी हाईकमान की दखल के बाद पायलट समर्थक विधायकों के साथ जयपुर पहुंचे। सीएम आवास पर संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने दोनों के साथ फोटो जारी की।
नवंबर 2022: 25 सितंबर, 2022 को गहलोत गुट के विधायकों ने समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाई थी। दोनों के बीच बयानबाजी के बाद दूरियां बढ़ती गईं। नवंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं को साथ बैठाकर फिर एकजुटता की फोटो जारी की।
28 मई 2023: 28 मई, 2023 को दोनों नेताओं में सुलह कराने के लिए खरगे और राहुल गांधी ने गहलोत-पायलट के साथ चार घंटे तक बैठक की। बैठक के बाद वेणुगोपाल ने गहलोत-पायलट के साथ मीडिया से मुखातिब हुए।

Related posts

राजस्थान के लोगों (People of Rajasthan) को मिलेगा ‘राइट टू हेल्थ’ (right to health), गहलोत सरकार (Gehlot government) लायेगी बिल

admin

राजस्थान विधानसभा उपचुनावः 7 विधानसभा क्षेत्रों में 3,193 मतदाता करेंगे घर से मतदान, होम वोटिंग के लिए मतदान 4 नवम्बर से 10 नवम्बर तक होगा

Clearnews

हाई कोर्ट ने लगाया विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस पर स्टे

admin