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राजस्थानः जवाहर कला केन्द्र में जूनियर्स के साथ समर कैम्प शिक्षा मंत्री ने बच्चों को दिए कामयाबी के टिप्स, बच्चों संग गुनगुनाया ‘हम होंगे कामयाब एक दिन‘ गीत

राजस्थान के शिक्षा, कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने गुरुवार 8 जून को जयपुर के जवाहर कला केन्द्र (जेकेके) में चल रहे ‘जूनियर समर कैम्प‘ का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को प्रेरणादायक संदेश दिया और उनकी हौसला अफजाई भी की। उन्होंने बच्चों से कहा कि कत्थक, भरतनाट्यम जैसे शास्त्रीय नृत्य हमारी धरोहर हैं। यह डिस्को के साथ मिक्स नहीं होने चाहिए। हमारी इसी संस्कृति के माध्यम से हम टूरिज्म को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने की कला सिखाते हैं, ये ‘स्टेज फीवर‘ को खत्म करने में काफी मददगार हैं।
शिक्षा मंत्री ने बच्चों के साथ देश और प्रदेश की कला और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सरल अंदाज में साझा करते हुए ‘जूनियर समर कैम्प’ में उनकी ‘लर्निंग‘ के बारे में सवाल भी पूछे। उन्होंने ‘अर्ली टू बैड, अर्ली टू राइज.. मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज‘ का महत्व बताते हुए बच्चों को जीवन में बल, बुद्धि, धन, यश और आयु पाने के लिए बड़ों का आदर और सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। वहीं संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से कॅरिअर में आगे बढ़ने और अपना-अलग मुकाम बनाने लिए कौए की तरह चेष्टाशील, बगुले की भांति एकाग्र एवं श्वान की तरह जाग निद्रा के नियमों का पालन करते हुए अल्पाहार एवं पौष्टिक भोजन के सेवन के कई टिप्स दिए।
डॉ कल्ला ने बच्चों के बेहतर मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जंक फ़ूड से दूरी बनाने और घर पर बना खाना ही खिलाने को प्राथमिकता देने के अभिभावकों को सुझाव दिए। उन्होंने बच्चों के साथ ‘हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब एक दिन‘ गीत भी गुनगुनाया। इसी गीत को मंत्री जी ने कैंप का थीम गीत बनाने के भी निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चे ‘जूनियर समर कैम्प‘ में सीखी गई गतिविधियों का घर पर अभ्यास करें। उन्होंने जेकेके के अधिकारियों से कहा कि इस कैम्प के बाद आगामी सर्दियों में बच्चों के लिए एक ‘रिफ्रेशर कैम्प‘ और आयोजित करें, जिससे बच्चों को एक बार फिर इनकी बारीकियों को दोहराने का मौका मिले। इस दौरान बच्चों ने माखन लीला, तबला वादन, कत्थक और भरतनाट्यम नृत्य पर आधारित मनोहर प्रस्तुतियां दी।
पर्यटन, कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने भी बच्चों की प्रस्तुति देखी। उन्होंने कहा कि केन्द्र के समर कैम्प में बच्चे विभिन्न विधाएं सीख रहे हैं। इससे उनके समय का सदुपयोग भी हो रहा है। श्रीमती राठौड़ ने कहा कि परिजनों की तरफ से कैम्प की मियाद बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की जा रही ही है, जिस पर केन्द्र की ओर से विचार किया जा रहा है। इस मौके पर जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन) प्रियंका जोधावत सहित बच्चों के अभिभावक, कला और संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे।
जवाहर कला केन्द्र द्वारा 5 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 15 मई से आयोजित यह समर कैम्प 18 जून तक चलेगा। बच्चों को इसमें नाट्य कला, कठपुतली बनाने एवं संचालन, दृश्य कला एवं साहित्य जैसी विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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