जयपुर

इंदौर को पछाड़ेगा जयपुर, स्वच्छता सर्वेक्षण में बनेगा नंबर 1, एक दिन के निरीक्षण में सफाई होगी चकाचक

जयपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में राजधानी जयपुर में लोगों को जादू देखने को मिलेगा। निगम अधिकारी सप्ताह में सिर्फ एक दिन जोनों में निरीक्षण करेंगे और शहर की सफाई व्यवस्था चकाचक हो जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि जयपुर सर्वेक्षण में इंदौर को पछाड़कर नंबर 1 बन जाएगा। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि नगर निगम की कार्यप्रणाली कह रही है। ग्रेटर महापौर पहले ही दावा कर चुकी हैं कि वह सफाई में जयपुर को नंबर वन बनाकर रहेंगी।

स्वच्छता सर्वेक्षण में जयपुर का भगवान ही मालिक होगा। जब से नगर निगम को दो भागों में बांटा गया है, तभी से अधिकारियों के हाल खराब हैं और उनसे मुख्य कार्य सफाई भी संभाले नहीं संभल रहा है। इसी के चलते अब नगर निगम ग्रेटर में सभी जोनों में मुख्यालय अधिकारियों को पर्यवेक्षक के तौर पर लगाया गया है। वह सप्ताह में न्यूनतम एक दिन जोनों में सफाई समेत अन्य कार्यों का निरीक्षण करेंगे।

ग्रेटर आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने सोमवार को आदेश जारी कर मुख्यालय के अधिकारियों को जोनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदेश के तहत अतिरिक्त आयुक्त सांगानेर जोन, उपायुक्त आयोजना मानसरोवर जोन, उपायुक्त राजस्व प्रथम मुरलीपुरा, उपायुक्त कच्चीबस्ती झोटवाड़ा, उपायुक्त गैराज जगतपुरा, निदेशक विधि मालवीय नगर और अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक विद्याधर नगर जोन में पर्यवेक्षण का काम भी देखेंगे।

इस दौरान वह सप्ताह में न्यूनतम एक दिन भ्रमण कर सफाई व्यवस्था के निरीक्षण सहित निगम से संबंधित सभी कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे। जोन से संबंधित मुख्यालय में लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए समन्वय करेंगे, जोन में पाई गई कमियों में सुधार, उपायुक्त व अन्य अधिकारियों को निर्देशन प्रदान करेंगे। साथ ही हर सप्ताह एक संक्षिप्त रिपोर्ट आयुत को सौंपेंगे।

निगम में कहा जा रहा है कि यह सारी कवायद स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर की जा रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या एक दिन के निरीक्षण से शहर की सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद हो जाएगी? शहर की वर्तमान सफाई व्यवस्था को देखकर तो लगता है कि जयपुर गत वर्ष की रैंकिंग भी बरकरार रख पाएगा या नहीं।

शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निगम के भरोसे नहीं रहकर अब स्वायत्त शासन विभाग को खुद कमर कसनी पड़ेगी। दो वर्ष पूर्व भी खराब सफाई व्यवस्था को देखकर विभाग ने अपने अधिकारियों को निगम के विभिन्न जोनों में सर्वेक्षण के दौरान पूरे समय पर्यवेक्षण के कार्य पर लगा दिया था। तब जाकर शहर की सफाई व्यवस्था कुछ पटरी पर आई थी। अब फिर से शहर में पहले जैसे ही हालात बने हुए हैं।

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