आदिपुरुष फिल्म 16 जून को सिनेमाघरों में रिलीज की गई थी। रिलीज के बाद से ही फिल्म काफी विवादों में घिरी रही। रिलीज के तीन दिनों तक कमाई ठीक-ठाक रही उसके बाद धड़ाम से गिर गई। वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी लोग इसे लेकर जमकर ट्रोल कर रहे है और अब आदिपुरुष मेकर्स पर भी गाज गिर गई है।
आदिपुरुष फिल्म के संवाद और डॉयलॉग को लेकर कुलदीप तिवारी ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। अब इस मामले पर हाईकोर्ट की लखनऊ ब्रांच में सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश सिंह चैहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की डिवीजन ने आदिपुरुष की याचिका को लेकर सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आदिपुरुष के मेकर्स को जमकर फटकार लगाई है।
सेंसर बोर्ड पर उठे सवाल
आदिपुरुष के मेकर्स को हल्के संवाद और डॉयलॉग की वजह से हाईकोर्ट की तरफ से काफी कुछ सुनना पड़ा। यही नहीं हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को भी फटकार लगाते हुए कहा, ‘इन सब मामलों को लेकर सेंसर बोर्ड क्या कर रहा है। सिनेमा समाज का दर्पण होता है। आप आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हो। क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहा है।’
पवित्र ग्रंथों को तो बख्श दीजिए
हाईकोर्ट ने आदिपुरुष के मेकर्स को फटकार लगाते हुए कहा कि, ‘रामायण, कुरान, गीता और गुरुग्रंथ साहिब’ जैसे पवित्र ग्रंथों को बख्श दीजिए, बाकी जो आप कर रहे हैं वो तो कर ही रहे हैं।’