Uncategorized

पूछते हैं अधीर रंजन – ‘अंग्रेजी से इतनी परेशानी…तो ‘प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत’ की जगह ‘भारत का महामहिम’ क्यों नहीं लिखा?

इंडिया या भारत के विवाद में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से इतनी नफरत है तो भाजपा को सबसे पहले राष्ट्रपति भवन खाली कर देने चाहिए। जरूरत पड़े तो उसे गोले से उड़ा देना चाहिए। अंग्रेजों और अंग्रेजी से इतनी दिक्कत है तो आपने ‘भारत का महामहिम’ क्यों नहीं लिखा ? आपने ‘भारत का प्रेसिडेंट’ क्यों लिखा?
20 विश्व नेताओं को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर राजनैतिक गलियारों में हंगामा मच गया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इस कदम पर केंद्र की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह देश के संविधान ‘को ‘बदलने’ की दिशा में पहला कदम है।एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए अधीर रंजन आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विपक्षी गुट भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के गठन के बाद से इंडिया शब्द से ‘डरती’ है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर सरकार को ब्रिटिश शासन से समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों और अंग्रेजी से इतनी दिक्कत है तो आपने ‘भारत का महामहिम’ क्यों नहीं लिखा ? आपने ‘भारत का प्रेसिडेंट’ क्यों लिखा? मुझे लगता है कि ‘वे (बीजेपी) ‘इंडिया’ शब्द से डरते हैं।
उन्होंने कहा कि जब से इंडिया गठबंधन बना है, पीएम की ‘इंडिया’ के प्रति नफरत बढ़ गई है। अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा, अगर भाजपा को ब्रिटिश शासन से इतनी ही समस्या है। तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह पहले वायसराय हाउस था। उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि अगर वे ‘बाहरी लोगों से जुड़ी हर चीज बदलना चाहते हैं तो ‘हिंदू’ शब्द भी बदल दें।
उन्होंने सवाल किया कि क्या आप अब से खेलो इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया नहीं कहेंगे। हमें ‘भारत’ शब्द से कोई आपत्ति नहीं है। मैं सिर्फ यह सुझाव देना उन्हें (भाजपा) पहले हिंदू शब्द बदलना चाहिए क्योंकि यह भी विदेशियों द्वारा दिया गया है और ‘इंडिया शब्द भी उसी से बना है। उन्होंने कहा कि सरकार को कांतिकारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
लोकसभा सांसद ने आगे सुझाव दिया कि देश के लोगों को यह तय करना चाहिए कि देश के लिए दो नाम होने चाहिए या जितने चाहें उतने । उन्होंने कहा कि यह केवल कुछ लोगों द्वारा तय नहीं किया जाना चाहिए। देश के लोगों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। उन्हें यह तय करना चाहिए कि में देश के लिए दो नाम चाहते हैं या एक या कई
विशेष रूप से, यह पहली बार है कि सरकार ने आधिकारिक निमंत्रण पर इंडिया के बजाय “रिपब्लिक ऑफ भारत का उपयोग किया है। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की इंडोनेशिया की आगामी यात्रा पर एक सरकारी पुस्तिका में उन्हें भारत के प्रधान मंत्री के रूप में भी संदर्भित किया गया है।

Related posts

राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद की तीसरी वार्षिक साधारण सभा की बैठक हुई आयोजित निर्यातकों के लिए शीघ्र शुरू होगी हेल्पलाइन

Clearnews

VR Health Group Is Rating How Many Calories Games Burn

admin

Apple 12.9-inch iPad Pro and Microsoft Surface Pro Comparison

admin