कतर में नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारत को बड़ी सफलता हासिल हुई है। कतर की अदालत ने 8 पूर्व नेवी अधिकारियों की मौत की सजा में फांसी पर रोक लगा दी है। इन सभी की सजा को कम कर दिया गया है। इसे विदेश मंत्रालय और नेवी अधिकारियों के परिजनों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
कतर में नेवी के जिन 8 भारतीयों की मौत की सजा सुनाई गई थी, वे सभी वहां अल दहरा कंपनी में काम करते थे। कतर की अदालत ने अक्टूबर माह में इन सभी को मौत की सजा सुनाई थी। तब से ही विदेश मंत्रालय लगातार इन पूर्व अधिकारियों की मदद में जुटा हुआ था और मामले पर बारीकी से नजर रखी जा रही थी। पिछले माह ही विदेश मंत्रालय को इन पूर्व अधिकारियों तक काउंसलर पहुंच हासिल हुई। इसके बाद इस मामले में दोबारा अपील की गई थी।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
कतर में नेवी के 8 पूर्व अफसरों की सजा कम किए जाने पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि- हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के फैसले पर गौर किया है। इसमें सामने आया है कि सभी की सजा कम कर दी गई है। इस मामले में कोर्ट के विस्तृत फैसले का इंतजार किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी भी वहां अफसरों के परिवार के साथ उपस्थित थे।
कानूनी सहायता देना रखेंगे जारी
विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि वह कतर में सजा पाने वाले सभी 8 पूर्व नेवी अफसरों को सहायता देना जारी रखेंगे। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हम मामले में शुरुआत से ही पूर्व अफसरों के साथ खड़े हैं। आगे भी हम उन्हें कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। कतर के अधिकारियों के साथ भी इस मामले को लगातार उठाया जाएगा।
एक साल से ज्यादा समय से कैद में पूर्व नौसैनिक
कतर में जिन 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा में राहत दी गई है वह पिछले एक साल से ज्यादा समय से कैद में हैं। इन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि कतर की ओर से कभी ये स्पष्ट नहीं बताया गया कि आखिर इन पूर्व अधिकारियों पर आरोप क्या थे। कई बार भारत की ओर से इन्हें छोड़ने की अपील की गई, लेकिन हर बार कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। 26 अक्टूबर को कोर्ट ने इन सभी को मौत की सजा सुना दी थी। इस फैसले पर खुद विदेश मंत्रालय ने हैरानी जताई थी और कतर के अधिकारियों के सामने इस मामले को उठाने का आश्वासन दिया था।
भारतीय युद्धपोतों पर तैनात रह चुके हैं पूर्व सैनिक
भारत सरकार इन पूर्व अफसरों को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही लगातार इनकी रिहाई के कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही थी। इस मामले को कतर के प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भी उठाया गया था। यह सभी कतर की अल दहरा कंपनी में काम कर कर रहे थे जो एक प्राइवेट कंपनी है। यह कंपनी कतर की सेना को प्रशिक्षण देती है। बताया जाता है कि ये सभी 8 पूर्व अफसर भारत के अलग-अलग युद्धपोतों पर तैनात रह चुके हैं।