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जयपुर के अस्पताल की लापरवाही ने ले ली युवक की जान..!

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में लापरवाही के कारण एक युवक की मौत हो गयी है। दुर्घटना के बाद भर्ती हुए युवक सचिन शर्मा कोअस्पताल के कर्मचारियों ने लापरवाही से इलाज के दौरान गलत ग्रुप का खून चढ़ा दिया जिससे युवक की मौत हो गयी।
बता दें कि दौसा जिले के बांदीकुई के रहने वाले 23 वर्षीय युवक का कोटपूतली में एक्सीडेंट हो गया था और उसे जयपुर रेफर कर दिया गया था। यहां उसे सवाई मानसिंह अस्पताल ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया।
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक अचल शर्मा ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार एक्सीडेंट में सचिन का का ज्यादा ही खून बह गया था और डॉक्टरों ने उसे खून चढ़ाने के लिए कहा। सचिन को एबी पॉजिटिव ब्लड चाहिए था लेकिन वार्ड ब्वॉय ने दूसरे मरीज का ‘O पॉजिटिव’ ब्लड की पर्ची थमा दी। इसके बाद सचिन को जब AB+ की जगह O+ ब्लड चढ़ा दिया गया तो उसकी हालत और ज्यादा खराब होने लगी। सूत्रों का कहना है कि गलत ब्लड चढ़ाए जाने से पहले मरीज की दोनों किडनी फेल हो गईं और उसे डायलिसिस (dialysis) पर रखा गया लेकिन मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और आखिरकर इलाज के दौरान सचिन नाम के मरीज की मौत हो गयी।
जब मामला ने तूल पकड़ा तो ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी भी एक्टिव हो गये। खबर सरकार तक पहुंची तो शासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है। इसके अलावा सरकार ने एक नर्सिंग ऑफिसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और तीन चिकित्सकों को एपीओ कर दिया है। इस संबंध में राज्य की अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा शुभ्रा सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रकरण में प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, जयपुर द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में अस्थि रोग विभाग के सह आचार्य डॉ. एस.के. गोयल, इन सर्विस रेजीडेन्ट डॉ. दौलतराम एवं डॉ. रिषभ चलाना तथा नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को दोषी पाया है।
डॉ एसके गोयल, डॉ दौलतराम एवं डॉ रिषभ चलाना को तत्काल प्रभाव से पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया है। डॉ गोयल का मुख्यालय निदेशालय, चिकित्सा शिक्षा तथा डॉ. दौलतराम एवं डॉ रिषभ चलाना को मुख्यालय निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर रखा गया है।
सवाई मानसिंह अस्पताल के पोलीट्रोमा वार्ड के नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय निदेशक (अराजपत्रित), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि मामला सामने आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने जांच के लिए तत्काल प्रभाव से कमेटी गठित करने के निर्देश दिये थे। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मरीज सचिन शर्मा का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था और उसने एबी पॉजिटिव ग्रुप की 1 यूनिट पीआरबीसी और 1 यूनिट एफएफपी भी प्राप्त की। रिपोर्ट के अनुसार ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए सैम्पल नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा द्वारा लिया गया। रेजीडेन्ट डॉ रिषभ चलाना ने मरीज की बीएचटी पर कोई नोट्स नहीं लिखे। साथ ही ऑन कॉल सह आचार्य डॉ एसके गोयल ने सर्जरी से पहले ब्लड ट्रांसफ्यूजन पैरामीटर्स पर ध्यान नहीं दिया। डॉ दौलतराम जो 15 फरवरी की रात को ट्रोमा ब्लड बैंक में ड्यटी पर थे, उन्होंने गलत ब्लड ग्रुप के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी नही दी।

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