राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के पशुपालकों को बड़ी सौगात दी है। पशुओं को इलाज के लिए अब दूरस्थ अस्पतालों तक ले जाने की जरूरत नहीं होगी। प्रदेश के सभी इलाकों में घर बैठे पशुपालकों को इलाज मिलेगा। सीएम भजनलाल शर्मा ने चलता-फिरता अस्पताल यानी मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की शुरुआत की गई है। उन्होंने जयपुर से 21 मोबाइल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और अब प्रदेश के 536 मोबाइल वैन की सुविधाएं शुरू कर दी गई है।
जहां हॉस्पिटल नहीं, वहां पहुंचेगी मोबाइल यूनिट
राजस्थान के जिन इलाकों में पशु चिकित्सालय नहीं है और इलाज की अन्य सुविधाएं भी नहीं है। उन स्थानों के लिए ये मोबाइल वेटरिनरी यूनिट उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही पशुपालकों के लिए 1962 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। इस वेटरिनरी वैन में हमेशा तीन कर्मचारियों का स्टाफ मौजूद रहेगा, जो पशुओं को सभी तरह की प्रमुख बीमारियों के दौरान इलाज देंगे। हर मोबाइल यूनिट में ट्रेंड 24 घंटे राउंड द क्लॉक उपलब्ध रहेंगे।
जरूरी इंजेक्शन, दवाएं और वैक्सीन
पशुपालन मंत्री जोगाराम कुमावत ने बताया कि हर मोबाइल वेटरिनरी यूनिट वैन में एक वेटरनरी डॉक्टर के साथ एक कंपाउंडर (पशुधन सहायक) उपलब्ध रहेगा। एक ड्राइवर कम अटेंडेंट भी मौजूद रहेगा। वैन में हर वक्त 137 प्रकार की जरूरी दवाइयां, इंस्ट्रूमेंट के साथ एक फ्रिज भी होगा जिसमें रेबीज की वैक्सीन उपलब्ध रहेगी। साथ ही, अलग-अलग तरह की वैक्सीन भी होंगी, जिन्हें कम तापमान में रखा जाता है।
वैन में होगी लैब की सुविधा
वैन में एक छोटी सी लैब की सुविधा दी गई है। ताकि मौके पर ही ब्लड सैंपल लेकर रोग का पता लगाया जा सके और इलाज किया जा सके। वैन में एक छोटी सर्जिकल टेबल और पैक भी उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी मदद से माइनर ऑपरेशन भी फील्ड में किया जा सकेगा। एक तरह से यह एक पूरा चलता-फिरता हॉस्पिटल होगा।
1 लाख पशुओं पर एक मोबाइल वैन
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के डायरेक्टर डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में पशुओं की कुल संख्या करीब 5।67 करोड़ है। हर एक लाख पशुओं पर एक मोबाइल वेटरिनरी यूनिट उपलब्ध कराई जा रही है। इस वैन का संचालन केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से हो रहा है। 60 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार की है जबकि 40 फीसदी हिस्सेदारी राज्य सरकार वहन करेगी। जयपुर जिले में 28 वैन उपलब्ध कराई गई है।
जल्द खोले जाएंगे कॉल सेंटर
इस मोबाइल वेटरिनरी यूनिट का फायदा ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों तक पहुंचाया जा सके। इसके लिए जल्द ही कॉल सेंटर की स्थापना की जाएगी। पशुपालक 1962 हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करके अपने जानवरों की समस्याएं बता सकेंगे। मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि एक मोबाइल यूनिट तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने 85।76 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। पशुपालकों को सुविधा मिलने के साथ 1600 कर्मचारियों को रोजगार भी मिलेगा।