जयपुर में 7 अप्रैल को प्रादेशिक संगठनों के महासम्मेलन में देशभर के 28 लाख आंगनबाड़ी महिलाएं अपने हक के लिए जुटेंगी। आंगनबाड़ी महिलाएं तय करेंगी कि जो राजनीतिक पार्टी आंगनबाड़ी महिलाओं के हित में बात करेगा, उसी को समर्थन देंगी।
राजधानी जयपुर में 7 अप्रैल को प्रादेशिक संगठनों का महासम्मेलन होने जा रहा है। ऑल इंडिया आंगनबाड़ी एम्प्लाइज फैडरेशन के बैनर तले देशभर के 15 राज्यों से अधिक राज्यों की आंगनबाड़ी महिलाएं अपने हक के लिए जयपुर में जुट रही है।
फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक छोटेलाल बुनकर ने बताया कि देश की 28 लाख आंगनबाडी महिलाएं अपनी मांगों को राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल कराने के लिए एकजुट हो रही है। जयपुर में देश के अलग-अलग हर राज्यों से आंगनबाड़ी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमुख पदाधिकारी महिलाएं जयपुर पहुंचना शुरू होगा।
सम्मेलन के जरिए देशभर के 28 लाख आंगनबाड़ी परिवार तय करेंगे कि जो राजनीतिक पार्टी आंगनबाड़ी महिलाओं के हित में बात करेगा, उसी को समर्थन देंगे। बुनकर ने बताया कि जहां महिलाओं की सुरक्षा की बात करने वाले सभी राजनीतिक दल महिलाओं का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे है।
केंद्र और राज्य के 60ः40 के अंशदान से संचालित 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत 28 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं का न कोई वर्तमान है और ना भविष्य। मानदेय के नाम पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को 4500 व 2250 रुपए दिए जा रहे हैं। इसमें राज्य सरकारें अपने हिसाब से अलग से भुगतान करती हैं। राजस्थान में 5 हजार से 9500 रुपए ही मानदेय मिलता है।