राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने शुक्रवार को करौली जिले के हिण्डौन में 6 निजी अस्पतालों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गंभीर अनियमितता पाए जाने पर एक अस्पताल को सीज कर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। साथ ही अन्य अस्पतालों पर भी नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशों पर की गई।
चिकित्सा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि हिंडौन के कुछ निजी अस्पतालों में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। कुछ अस्पताल बिना डॉक्टर के संचालित हो रहे थे। वहीं कुछ में अन्य अनियमिताएं भी बरती जा रही थीं। इस संबंध में प्राप्त शिकायतों को देखते हुए राज्य स्तर से 6 टीमों का गठन कर इन अस्पतालों का एक साथ निरीक्षण करवाया गया।
टीमों ने शुक्रवार को हिंडौन के तंवर हॉस्पिटल, मंडापुरिया हॉस्पिटल, देशवाल हॉस्पिटल, सिंह हॉस्पिटल, जगरवाल हॉस्पिटल और एसआर हॉस्पिटल में औचक निरीक्षण किया। एसआर हॉस्पिटल में जनरल वार्ड, ओटी, लैब और स्टोर की स्थिति देखने पर गंभीर अनियमितता सामने आई। हॉस्पिटल का संचालन अवैध पाया गया और निरीक्षण के दौरान कार्मिक फरार हो गए। टीम ने मौके पर इस अस्पताल को सीज कर दिया और एफआईआर दर्ज करवाई गई।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि तंवर हॉस्पिटल में मेडिकल स्टोर का संचालन बिना लाइसेंस पाया गया। इस संबंध में संबंधित डीसीओ को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। देशवाल हॉस्पिटल में एक डॉक्टर उत्तर प्रदेश के रजिस्ट्रेशन पर काम करता पाया गया। जगरवाल अस्पताल में एक डॉक्टर एक माह पूर्व प्रोजिवनल रजिस्ट्रेशन के आधार पर काम कर रहा था, जो बाद में मंडापुरिया अस्पताल में चला गया। इनके विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण टीम में संयुक्त निदेशक अंधता डॉ. सुनील सिंह, मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ राजेश शर्मा, संयुक्त निदेशक भरतपुर जोन डॉ. सुभाष खोलिया, एडिशनल एसपी पीसीपीएनडीटी सेल केके अवस्थी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी करौली डॉ. दिनेश मीणा, हिण्डौन के जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. पुष्पेंद्र गुप्ता, जिले के 6 खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी और डीसीओ करौली, दौसा, भरतपुर एवं धौलपुर शामिल रहे।