अगर आपको पैसों की जरूरत है और आप पर्सनल लोन के बारे में सोच रहे हैं, तो एक बार एफडी पर लोन की सुविधा के बारे में जान लीजिए। पर्सनल लोन की तुलना में ये सस्ता है, साथ ही इसके और भी कई फायदे हैं।
पैसों की जरूरत कभी भी किसी को भी पड़ सकती है। जब पैसों की जरूरत कहीं से पूरी न हो, तो लोग पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन पर्सनल लोन की ब्याज दरें ज्यादा होती हैं। साथ ही, लोन लेते समय प्रोसेसिंग फीस वगैरह भी देना होता है। अगर आप भी पर्सनल लोन के बारे में सोच रहे हैं, तो एक बार एफडी पर लोन की सुविधा के बारे में जान लीजिए। एफडी पर लोन पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता पड़ता है। साथ ही, इसमें आपको प्रोसेसिंग फीस वगैरह के चक्कर से भी छुटकारा मिल जाता है। यहां जानिए एफडी पर मिलने वाले लोन की खास बातें।
किसके लिए एफडी पर लोन बेहतर विकल्प
अगर आपने लंबे समय की एफडी करवाई है और आपको बीच में पैसों की जरूरत है, तो आप एफडी को तुड़वाने या पर्सनल लोन लेने की बजाय एफडी पर लोन के ऑप्शन को चुन सकते हैं। एफडी तुड़वाने पर आपको निर्धारित ब्याज से कम ब्याज मिलेगा और पेनल्टी भी देनी होगी। ऐसे में अगर आप एफडी पर लोन का विकल्प चुनते हैं, तो इससे आपकी सेविंग्स भी बच जाएगी और आप कम ब्याज दर के साथ धीरे-धीरे अपने लोन को भी चुका देंगे।
कर्ज के तौर पर कितनी राशि मिलेगी
एफडी पर आपको लोन के तौर पर बैंक से कितनी रकम मिलेगी, ये आपकी एफडी की राशि पर निर्भर करता है। आमतौर पर एफडी की राशि का 90 से 95 फीसदी तक की रकम आपको लोन के तौर पर मिल जाती है। बता दें कि एफडी पर लिया जाने वाला लोन सुरक्षित लोन माना जाता है। इसे लेते समय बैंक आपकी एफडी को सिक्योरिटी/गारंटी के रूप में गिरवी रख लेते हैं।
पर्सनल लोन से सस्ता कैसे?
एफडी पर लिए गए लोन पर आमतौर पर एफडी की ब्याज दर से 1 से 2 फीसदी ज्यादा ब्याज लिया जाता है। मान लीजिए आपने 5 साल के लिए एफडी करवाई और इस पर आपको 7 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है, तो आपको लोन 8 से 9 फीसदी ब्याज के साथ मिल जाएगा। पर्सनल लोन पर आपको प्रोसेसिंग फीस भी देनी होती है, लेकिन एफडी पर प्रोसेसिंग फीस नहीं लगती है।
लोन चुकाने का टेन्योर कितना?
एक सवाल और है जो अक्सर लोगों के जेहन में रहता है कि एफडी पर लिए गए लोन की रकम को कितने सालों में वापस करना होता है। तो इसका जवाब है कि आपके लोन की अवधि आपकी एफडी की अवधि पर निर्भर करती है। जिस एफडी के बदले आपने लोन लिया है, उसकी मैच्योरिटी से पहले आपको लोन चुकाना होता है। अगर आप लोन को समय से नहीं चुका पाते तो आपकी एफडी की रकम से उस लोन को कवर कर लिया जाता है। साथ ही, इस लोन को आप अपनी सुविधा के अनुसार एकमुश्त या किस्त के रूप में चुका सकते हैं।