चुनावदिल्ली

हरियाणा में अब 1 की बजाय 5 अक्टूबर को मतदान और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी

हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव किया गया है। पहले हरियाणा में 1 अक्टूबर 2024 को वोटिंग होनी थी, लेकिन अब यह 5 अक्टूबर 2024 को होगी। इसी प्रकार, वोटों की गिनती अब 8 अक्टूबर को की जाएगी, जबकि पहले यह 4 अक्टूबर को निर्धारित थी। यह बदलाव बिश्नोई समुदाय की परंपरा के सम्मान में किया गया है, जो अशोज अमावस्या को मनाते हैं, जो उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग (ECI) ने उनकी धार्मिक परंपरा का सम्मान करते हुए यह फैसला लिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने और साथ ही अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करने का पूरा हक है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख इसलिए बदली गई है क्योंकि बिश्नोई समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया गया है। चुनाव आयोग (ECI) ने चुनाव की तारीख 1 अक्टूबर से बदलकर 5 अक्टूबर 2024 कर दी है। इस बदलाव के कारण हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती अब 8 अक्टूबर को होगी, जो पहले 4 अक्टूबर को निर्धारित थी। बिश्नोई समुदाय अशोज अमावस्या को अपने गुरु जंभेश्वर की जयंती के रूप में मनाता है, जो उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसी कारण से चुनाव आयोग ने इस त्यौहार के साथ चुनाव की तारीख के टकराव को टालते हुए यह निर्णय लिया।
ECI ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने का निर्णय लेते हुए कहा है कि वह सभी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का सम्मान करता है। आयोग ने स्पष्ट किया कि हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने और बिना किसी रुकावट के अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूरा अधिकार है। राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं का पूरा सम्मान किया जाए।
इससे पहले, हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 1 अक्टूबर को एक चरण में चुनाव होने थे। हालांकि, बीजेपी की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य वरिंदर गर्ग ने पिछले सप्ताह एक दलील दी थी कि 1 अक्टूबर के चुनावी दिन के ठीक पहले लंबे सप्ताहांत के चलते मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है। उनका कहना था कि 28 सितंबर को शनिवार है, जो कई लोगों के लिए अवकाश है, जबकि 29 सितंबर को रविवार है। इसके बाद, 1 अक्टूबर को मतदान के लिए अवकाश रहेगा, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी होगी, और 3 अक्टूबर को महाराजा अग्रसेन जयंती के कारण भी छुट्टी रहेगी। उन्होंने इस बात की चिंता जताई कि इन लगातार छुट्टियों के कारण लोग लंबे सप्ताहांत पर छुट्टियां मनाने जा सकते हैं, जिससे मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। इससे यह साफ है कि चुनाव की तारीख में बदलाव न केवल बिश्नोई समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए किया गया बल्कि मतदान प्रतिशत को बनाए रखने की भी एक कोशिश थी।

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