रोम। जी7 (ग्रुप ऑफ सेवन) देशों की लोकतांत्रिक शक्तियां, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) द्वारा पिछले सप्ताह जारी गिरफ्तारी वारंट पर एक संयुक्त स्थिति अपनाने का प्रयास कर रही हैं। इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने यह जानकारी दी।
ताजानी ने जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक के पहले कार्य सत्र की मेजबानी के बाद कहा, “हमें इस पर एकजुट होने की आवश्यकता है।”
जी7 का हिस्सा अमेरिका पहले ही आईसीसी के इस निर्णय को खारिज कर चुका है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे “अत्यंत निंदनीय” करार दिया है।
ताजानी, जो स्वयं एक विभाजित गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं, ने कहा कि वह चाहते हैं कि जी7 इस मुद्दे पर एक स्वर में बोले। उन्होंने कहा, “हमने इस पर चर्चा की है। देखते हैं कि क्या हम अंतिम संयुक्त वक्तव्य में इसे शामिल कर सकते हैं। हम इस पर सहमति बनाने के लिए काम कर रहे हैं।”
आईसीसी ने पिछले गुरुवार को नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा प्रमुख योआव गैलेंट और हमास नेता इब्राहिम अल-मसरी के खिलाफ गाजा संघर्ष में कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में वारंट जारी किया था।
इजरायल ने इस निर्णय को “शर्मनाक और निरर्थक” करार दिया है।
ताजानी ने कहा कि उन्होंने जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और कतर के अपने समकक्षों को रोम से 80 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व स्थित स्पा शहर फिउग्गी में जी7 बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि बैठक के दौरान इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच लेबनान संघर्ष विराम समझौते पर प्रगति की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, “हम वर्तमान में खाड़ी देशों और अरब जगत के अपने साझेदारों के साथ इस स्थिति को कम करने और लेबनान में संघर्षविराम के लिए प्रयास कर रहे हैं।”
बेयरबॉक ने कहा, “अब ऐसा लग रहा है कि हम कुछ दिनों या हफ्तों पहले की तुलना में इस दिशा में अधिक करीब पहुंच चुके हैं।”