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यूएस आरोप विवाद: अदाणी समूह ने स्पष्ट किया, गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर रिश्वतखोरी के आरोप नहीं

नयी दिल्ली। अदाणी ग्रीन एनर्जी (AGEL) ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) के अनुसार, गौतम अदाणी, सागर अदाणी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन पर रिश्वतखोरी के कोई आरोप नहीं हैं। हालांकि, तीन अन्य आरोपों में उनका नाम शामिल है।
AGEL ने स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल एक बयान में कहा कि मीडिया में अदाणी अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रकाशित खबरें ‘गलत’ हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और वरिष्ठ निदेशक विनीत जैन पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्टाचार व्यवहार अधिनियम (FCPA) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसे कंपनी ने खारिज कर दिया। अदाणी समूह ने कहा कि अधिकारियों पर केवल सिक्योरिटीज और वायर फ्रॉड से संबंधित आरोप हैं, न कि रिश्वतखोरी या विदेशी भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप।
कंपनी का बयान:
“मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स, जिनमें यह कहा गया कि हमारे निदेशकों – गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर FCPA के उल्लंघन के आरोप लगे हैं, गलत हैं। इन तीनों व्यक्तियों पर DoJ या अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) के आरोपपत्र में FCPA के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं है,” अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने कहा।
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि DoJ द्वारा पेश किए गए पांच मामलों में गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन का नाम काउंट वन “FCPA का उल्लंघन करने की साजिश” या काउंट फाइव “न्याय में बाधा डालने की साजिश” में शामिल नहीं है।
आरोपों का दायरा:
काउंट वन, जो भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से जुड़ा है, केवल Azure Power और CDPQ (कनाडाई निवेशक) के अधिकारियों – रंजीत गुप्ता, सिरिल कबान्स, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को शामिल करता है। अदाणी अधिकारियों का इसमें कोई उल्लेख नहीं है।
अदाणी अधिकारियों पर केवल काउंट टू “सिक्योरिटीज फ्रॉड की साजिश,” काउंट थ्री “वायर फ्रॉड की साजिश,” और काउंट फोर “सिक्योरिटीज फ्रॉड” के आरोप लगाए गए हैं।
व्यवसाय और बाजार पर प्रभाव:
अदाणी समूह ने बयान में कहा कि उसने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार किया है और अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, इज़राइल और ऑस्ट्रेलिया में अमेरिकी और चीनी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना किया है।
US DoJ के आरोपों के बाद समूह की 11 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में लगभग 55 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
मामले की पृष्ठभूमि:
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, कथित रिश्वत योजना में अमेरिकी निवेशकों और वित्तीय संस्थानों से महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई थी। अदाणी समूह ने अपनी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए जांच अवधि के दौरान अरबों डॉलर जुटाए। SEC के सिविल आरोपों में सिक्योरिटीज फ्रॉड और वायर फ्रॉड शामिल हैं, जबकि अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने FCPA उल्लंघन के लिए आपराधिक आरोप दायर किए।
यह मामला अदाणी समूह के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अपनी वित्तीय स्थिति स्थिर की थी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अदाणी समूह पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिससे समूह के बाजार मूल्य में अस्थायी रूप से 150 अरब डॉलर की गिरावट आई थी।
हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज करते हुए अपनी अधिकांश बाजार पूंजी वापस पा ली थी, ताजा आरोप कॉर्पोरेट प्रशासन और निवेशकों के विश्वास पर फिर से सवाल खड़े कर सकते हैं।

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