लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने रविवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें आरक्षण के मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय इन दोनों दलों ने अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को प्रमोशन में आरक्षण देने वाले विधेयक का विरोध किया था।
ONOE बिलों का समर्थन
मायावती ने केंद्र सरकार के ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ (ONOE) बिलों का समर्थन किया और कहा कि यह खर्चों को कम करेगा और जनहित के काम बिना रुकावट जारी रखेगा। उन्होंने अन्य पार्टियों से भी इस विधेयक का समर्थन करने की अपील की।
आरक्षण पर सख्त रुख
मायावती ने मांग की कि अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि इसमें कोई छेड़छाड़ न हो सके। उन्होंने कहा कि नौवीं अनुसूची में शामिल केंद्रीय और राज्य कानून न्यायिक समीक्षा से बाहर होते हैं।
कांग्रेस और सपा पर आरोप
उन्होंने कांग्रेस और सपा पर आरक्षण मुद्दे पर “झूठी बातें” करने का आरोप लगाते हुए कहा:
“इन दोनों पार्टियों को इस मुद्दे पर संसद में चुप रहना चाहिए था, क्योंकि कांग्रेस के शासनकाल में और सपा की मिलीभगत से, सपा ने SC/ST समुदायों को प्रमोशन में आरक्षण से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया था।”
उन्होंने बताया कि सपा ने संसद में इस विधेयक की प्रतियां फाड़ दी थीं और यह विधेयक अभी भी लंबित है।
भाजपा पर भी निशाना
BSP प्रमुख ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा:
“भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता साफ तौर पर दिखती है, जिसके कारण वे इस विधेयक को पारित कराने के मूड में नहीं हैं।”
संविधान पर चर्चा
मायावती ने कहा कि संसद में संविधान के 75 वर्षों की “गौरवशाली यात्रा” पर चर्चा हुई, लेकिन इसकी उपयोगिता तभी संभव है जब इसे खुले दिल से अपनाया जाए।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या शासक वर्ग संविधान के मानवीय और कल्याणकारी उद्देश्यों के अनुसार देश के करोड़ों लोगों को रोजगार, न्याय और आत्म-सम्मान का जीवन देने में सक्षम रहा है।
संविधान में संशोधन पर चेतावनी
उन्होंने कहा कि अगर सरकार संविधान में किसी पार्टी, व्यक्ति या संस्था को लाभ पहुंचाने के लिए संशोधन करती है, तो BSP इसका कड़ा विरोध करेगी।
देशहित में राजनीति से ऊपर उठने की अपील
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी गरीबों और उत्पीड़ितों की पार्टी है, और BJP सरकार द्वारा लाए गए ONOE से संबंधित विधेयकों का स्वागत करती है। उन्होंने अन्य पार्टियों से देश और जनता के हित में पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की अपील की।
BSP की मौजूदा स्थिति
हाल के वर्षों में BSP का चुनावी प्रभाव घटा है और संसद में उसके पास केवल एक राज्यसभा सांसद है।