राजनीति

वक्फ विधेयक: विपक्ष की असहमति के बीच जेपीसी रिपोर्ट आज संसद में पेश होगी

नयी दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की जाएगी, जहां इस समय बजट सत्र चल रहा है।
क्या है रिपोर्ट में?
लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद जगदंबिका पाल और संजय जायसवाल इस रिपोर्ट को संसद में पेश करेंगे। इस दौरान समिति के समक्ष पेश किए गए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा, जिनके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई।
जेपीसी की रिपोर्ट पर क्या बोले जगदंबिका पाल?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रिपोर्ट सौंपने के बाद जगदंबिका पाल ने कहा:
“हमने रिपोर्ट को अपनाया और संशोधित विधेयक को मंजूरी दी। पहली बार, हमने एक प्रावधान जोड़ा है कि वक्फ के लाभ हाशिए पर रहने वाले लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलने चाहिए। कल हम इस रिपोर्ट को स्पीकर को सौंपेंगे।”
उन्होंने आगे बताया, “हमारे सामने कुल 44 धाराएं थीं, जिनमें से 14 धाराओं में संशोधन के लिए सुझाव दिए गए। इसके बाद समिति में बहुमत के आधार पर मतदान हुआ और इन संशोधनों को अपनाया गया।” जेपीसी ने 29 जनवरी (बुधवार) को संशोधित रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को मंजूरी दी थी। हालांकि, विपक्षी दलों ने रिपोर्ट पर असहमति पत्र (Dissent Notes) सौंपे हैं।
ओवैसी का आरोप: ‘मेरे असहमति पत्र के हिस्से हटा दिए गए’
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि उनकी असहमति नोट (Dissent Note) के कुछ अंश बिना उनकी जानकारी के हटा दिए गए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मैंने वक्फ विधेयक के खिलाफ जेपीसी को एक विस्तृत असहमति नोट सौंपा था। यह चौंकाने वाला है कि मेरे नोट के कुछ हिस्से बिना मेरी जानकारी के हटा दिए गए। हटाए गए हिस्से विवादास्पद नहीं थे, वे केवल तथ्यों को सामने रखते थे।”
ओवैसी ने यह भी सवाल किया, “जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं, जबकि उन्हें वह रिपोर्ट मिल गई जो वह चाहते थे?”


वक्फ अधिनियम 1995 और नए संशोधन की जरूरत
वक्फ अधिनियम, 1995 वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने और प्रबंधन के लिए बनाया गया था। लेकिन इस पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे आरोप लगते रहे हैं।
2024 के वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य इन चुनौतियों को दूर करना है। इसमें शामिल हैं:
1. वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण
2. ऑडिट प्रक्रिया को मजबूत करना
3. पारदर्शिता बढ़ाना
4. अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र बनाना
संसद का बजट सत्र कब तक चलेगा?
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो चुका है और यह दो चरणों में चलकर 4 अप्रैल को समाप्त होगा। अब देखना होगा कि इस रिपोर्ट को संसद में कितना समर्थन मिलता है और विपक्ष की आपत्तियों पर सरकार का क्या रुख रहता है।

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