जयपुर। प्रदेश में अब सीवरेज सफाई मशीनों से कराई जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी जिला कलेक्टर और नगरीय निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी सफाईकर्मी को सीवरेज की सफाई के लिए चैम्बरों में नहीं उतरना पड़े। प्रदेश में सीवरेज की सफाई के लिए चैम्बर में उतरने से मौत की कोई घटना नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह निर्देश सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेशभर के नगरीय निकाय प्रतिनिधियों और सफाईकर्मियों से संवाद करते हुए दिए। इस कॉन्फ्रेंस में 196 नगरीय निकायों के करीब 1600 प्रतिभागी सीधे जुड़े थे।
गहलोत ने कहा कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और स्वच्छताकर्मियों के समर्पण भाव से काम किए जाने के कारण ही प्रदेश कोरोना संक्रमण को रोकने में कामयाब हो पाया है। स्वच्छताकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर शहर, गली-मोहल्लों और घर-घर को संक्रमण मुक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
सफाईकर्मियों को मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा सामग्री के लिए राज्य सरकार ने एक-एक हजार रुपए उपलब्ध कराए, ताकि फ्रंटलाइन वर्कर संक्रमण से बचे रहें। साथ ही सरकारी और गैर सरकारी कार्मिकों को 50 लाख रुपए के बीमा कवर की सुविधा प्रदान की है।
गहलोत ने महापौर, सभापति, चेयरमैन, पार्षदों आदि से सुझाव लिए। सफाईकर्मियों, जमादारों, सफाई निरीक्षकों से उनकी समस्याएं पूछी। इस दौरान उन्होंने कोरोना के प्रति आमजन में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए दो पोस्टरों का भी विमोचन किया।
नगरीय विकास वं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंदिरा गांधी रसोई योजना शुरू करके सरकार नगरीय निकायों में गरीबों को 8 रुपए प्रति थाली में रियायती दरों पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने जा रही है। सरकार इस पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए व्यय करेगी।