जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से प्रदेश में अब पेयजल परियोजनाओं के प्रत्येक चरण की समयबद्ध मॉनिटरिंग के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके लिए प्रो-एमआईएस मॉड्यूल के तहत खास मोबाइल एप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से प्रोजेक्ट्स की हरेक स्टेज पर जिओ-टैगिंग के साथ फोटोग्राफ्स कैप्चर किए जाएंगे।
जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने सोमवार को झालाना स्थित जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यालय में आयोजित नियमित समीक्षा बैठक में इस एप को इसी माह रोल आउट करने के निर्देश दिए।
उन्होंने विभागीय कार्यों के निष्पादन में निखार और गति लाने के लिए सूचना प्रोद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में यह एप तैयार किया गया है। इससे प्रोजेक्ट के सभी चरणों में कार्य की गुणवत्ता पर भी बराबर नजर रहेगी।
इस एप के अतिरिक्त विभाग के अधिशाषी अभियंताओं और जूनियर कैमिस्ट स्तर के अधिकारियों तक मैसेजिंग में उपयोग के लिए जिम्स नाम से भी एक एप विकसित किया है, जो वॉट्सअप के विकल्प के तौर पर आंतरिक सूचनाओं के आदान-प्रदान में प्रयुक्त होगा। इस एप को भी इसी माह लांच करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में निर्देश दिए गए कि जिन हैंडपंपो की जिओ टैगिंग हो चुकी है उनकी जांच कराई जाए। राज्य में वॉटर लैब्स के जरिए पानी के नमूनों की जांच की प्रगति की समीक्षा की गई और जल प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए टेंडर प्रक्रिया को जल्द पूरा करने, विभाग के भवनों और अन्य परिसंपत्तियों पर सोलर पैनल स्थापित करने, 190 किलोमीटर लंबी राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल पर सोलर पैनल लगाने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।