जयपुरपर्यटन

बदलेगा पुरातत्व विभाग का मुख्यालय

निदेशक ने किया पुराने पुलिस मुख्यालय का दौरा

जयपुर। अमूल्य धरोहरों और सारे रिकार्ड के नुकसान के बाद अब पुरातत्व विभाग के उच्चाधिकारियों को समझ में आ गया है कि मुख्यालय को बदलने में ही भलाई है। कहा जा रहा है कि अभियांत्रिकी अधिकारियों से चर्चा के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यालय में पानी भरने की समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं है। इसलिए अब उच्चाधिकारियों ने मुख्यालय के लिए नई जगह तलाशनी शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार पुरातत्व निदेशक पीसी शर्मा ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ पुराने पुलिस मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरान विभाग की सभी शाखाओं के अधिकारी उनके साथ रहे। विभाग के दल ने हवामहल के सामने पीएचक्यू के मुख्य दरवाजे से अंदर जाकर नगर निगम हेरिटेज को दी गई जगह का निरीक्षण किया।

इसके बाद वह सबसे अंतिम चौक में स्थित दिल्ली मेट्रो के कार्यालय पहुंचे। यहां निदेशक ने दिल्ली मेट्रो के कार्यालय के कई कमरों को खुलवाकर भी देखा। इस कार्यालय में करीब 400 कमरे हैं, जो विभाग के लिए जरूरत से ज्यादा हैं।

जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से मिली जानकारी के अनुसार परकोटे में अंडरग्राउंड मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस कार्य को दिल्ली मेट्रो ने किया है। मेट्रो कार्य शुरू होने से पहले पीएचक्यू के तीसरे चौक की पूरी इमारत दिल्ली मेट्रो और उसकी ठेका कंपनी सीईसी को कार्यालय के लिए दी गई थी।

कार्य पूरा होने के बाद अब दिल्ली मेट्रो और सीईसी की ओर से यहां का कार्यालय धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है। एक-दो महीनों में यह कार्यालय यहां से शिफ्ट हो जाएंगे। इसी को देखते हुए पुरातत्व विभाग ने कोशिशें शुरू कर दी है कि यह तीसरा चौक उन्हें मिल जाए, ताकि यहां पुरातत्व विभाग का मुख्यालय शिफ्ट किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त को जयपुर में हुई अतिवृष्टि के कारण पुरातत्व विभाग के मुख्यालय, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के बेसमेंट में बनी ममी गैलरी, एंटीक स्टोर और रिकार्ड रूम में पानी भर गया था। पानी भरने के कारण अमूल्य पुरा सामग्रियां खराब हो गई थी। वहीं पुरातत्व विभाग का भी सारा रिकार्ड पानी में भीग गया था। रिकार्ड, कार्यालय उपकरण और फर्नीचर पानी में भीगने के कारण खराब हो गया, जिससे अब विभाग का काम पटरी पर लौटने में करीब एक वर्ष लग जाएगा।

क्लीयर न्यूज डॉट लाइव ने पुरा सामग्रियों की इस बदहाली पर लगातार खबरें चलाई और विभाग के उच्चाधिकारियों को बताया कि पूर्व में भी कई बार मुख्यालय में जल भराव की स्थितियां बन चुकी हैं। इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं है। इसलिए विभाग को अपना मुख्यालय किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट करना चाहिए। इसी के बाद से ही विभाग में नए मुख्यालय भवन की खोज तेज हो गई थी, जिसका परिणाम यह रहा कि खुद निदेशक को भवन ढूंढने निकलना पड़ा।

यहां कार्यालय बन सकता है

मेट्रो का काम दो-तीन महीनों में खाली हो जाएगा। दिल्ली मेट्रो की ओर से कार्यालय वाइंडअप करने का कार्य हो रहा है। हमने वहां इमारत देखी है। इस जगह में हमारा कार्यालय आराम से संचालित हो सकता है।

मुकेश शर्मा, अधिषासी अभियंता, पुरातत्व विभाग

Related posts

तारपीन तेल बनाने की अवैध फैक्ट्री में लगी आग, फैक्ट्री मालिक के भतीजे समेत 4 की मौत्, 2 घायल

admin

प्रताप नगर में बनेगा प्रदेश का पहला कोचिंग हब

admin

बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने निवेश में आ रही अड़चनों को दूर करने के निर्देश दिए

admin