मामले को दबाने में जुटा विभाग
जयपुर। पर्यटन विभाग में महिला अधिकारियों के साथ उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में विभाग ने अपने अतिरिक्त निदेशक को एपीओ करने की कार्रवाई की है। विभाग के अधिकारी अतिरिक्त निदेशक को एपीओ करने की बात तो मान रहे हैं, लेकिन कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस मामले की पूरी जानकारी देने को तैयार नहीं है, लगता है कि विभाग अपनी छवि बचाने के लिए मामले को दबाने में जुट गया है।
पर्यटन विभाग के सूत्रों के अनुसार यह मामला करीब पांच-छह महीने पुराना है। विभाग की दो महिला अधिकारियों और एक निजी कंपनी की महिला अधिकारी ने विभाग के सचिव को इस मामले में शिकायत की थी और अतिरिक्त निदेशक (विकास) संजय पांड़े पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
सूत्रों के अनुसार इन महिला अधिकारियों की ओर से शिकायत की गई थी कि पांड़े की ओर से उन्हें अपशब्द कहे जाते हैं, डराया और धमकाया जाता है। उन्होंने पांड़े के गलत व्यवहार के पुख्ता सबूत भी उच्चाधिकारियों के समक्ष पेश किए गए। शिकायत के बाद पर्यटन सचिव की ओर से राजस्थान प्रशासनिक सेवा के चार अधिकारियों की कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई गई।
कमेटी की अध्यक्षता पुरातत्व विभाग के निदेशक पी सी शर्मा ने की। कमेटी ने जांच कर इसकी रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों को सौंप दी। रिपोर्ट मिलने के बाद पर्यटन विभाग ने 18 नवंबर को संजय पांड़े को एपीओ कर दिया। इस दौरान पांड़े अपनी उपस्थिति प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन के कार्यालय शासन सचिवालय में दर्ज कराएंगे।
महिला अधिकारियों के उत्पीड़न के मामले में जानकारी के लिए जब विभाग के प्रमुख शासन सचिव को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। एपीओ आदेश जारी करने वाले अधिकारी ने पूरे मामले की जानकारी देने से साफ मना कर दिया और कहा कि इस मामले में उच्चाधिकारी ही कुछ कह सकते हैं।
वहीं शिकायतकर्ता महिला अधिकारी भी इस मामले पर बोलने से बचती रही। विभाग के अन्य अधिकारी भी जानकारी देने से कतराते रहे। इससे साफ है कि विभाग अपनी छवि बचाने के लिए इस मामले को दबाने में जुट गया है, क्योंकि राजधानी में महिला अधिकारियों का उत्पीड़न काफी गंभीर मामला है।