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4 दिसम्बर, भारतीय नौसेना दिवसः 1971 के युद्ध में नौसेना के मनोबल व अदम्य साहस के प्रदर्शन के साथ जीत के जश्न का गौरवशाली दिन

भारतीय नौसेना के शौर्य की यूं तो कहानियां अनगिनत हैं और उन कहानियों के हीरो लोग यानी सीमा पर तैनात हमारे जवानों के कारण ही हम परिवारजन के साथ देश की सीमा में सुरक्षित बैठ पा रहे हैं। कौन भूल सकता है 4 और 5 दिसम्बर 1971 की वो रात जब पाकिस्तान के आक्रमण का की नौसेना मुंह तोड़ जवाब दिया था। ऑपरेशन ट्राइडेंट नाम दिया गया था, उस युद्ध को। भारतीय नौसेना ने पहली बार इस ऑपरेशन में एंटी शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया जिसमें 500 से ज्यादा पाकिस्तानी नौसैनिकों को भारत के जांबाज सिपाहियों ने मार गिराया था।

भारतीय नौसेना के इस अदम्य साहस और ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता को याद करते हुए जीत के जश्न के तौर पर हर वर्ष 4 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस साल भारतीय नौसेना दिवस 2020 की थीम ‘भारतीय नौसेना – लड़ाकू तैयार, विश्वसनीय और सामंजस्यपूर्ण’ रखी गई है।

नहीं होने दिया था भारत को कोई नुकसान

उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी जहाजों को भारी नुकसान पहुंचाया था और भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ। ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना ने चार पाकिस्तानी जहाजों को बहा दिया और पाकिस्तान में कराची बंदरगाह के ईंधन क्षेत्रों को तबाह कर डाला था। भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोतों – आईएनएस निपात, आईएनएस निर्घट और आईएनएस वीर ने बचाव में किए गए इस हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कराची बंदरगाह पर हमला करने के लिए भारतीय नौसेना का बेड़ा गुजरात के ओखा पोर्ट से पाकिस्तानी जल क्षेत्र की ओर रवाना हुआ। यह बेड़ा रात में कराची से 70 मील दूर दक्षिण में पहुंच गया और मिसाइलों के बाद पाकिस्तानी पोत – पीएनएस खैबर – डुबा दिया।

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