नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली बॉर्डर पर 10 दिसम्बर को भी जमे रहे हैं। और अब, किसान संगठनों का कहना है कि है कि केंद्र सरकार यदि अपना अड़ियल रुख नहीं छोड़ेगी तो देशभर के किसान देश की राजधानी की ओर जाने वाले राजमार्गों के साथ पटरियों को भी जाम करेंगे।
भाजपा नेताओं के घरों-दफ्तरों के आगे धरना-प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न राज्यों में नए कृषि कानूनों का विरोध जारी है और दिल्ली के आसपास के राज्यों के किसान दिल्ली सीमाओं पर धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, “ सरकार ने यदि हमारी मांगें नहीं मानीं तो हम रेल पटरियां अवरुद्ध करेंगे। हम इसकी तारीख तय कर जल्दी घोषणा करेंगे।”
बूटा सिंह का कहना है कि पंजाब में टोल प्लाजा, मॉल, रिलायंस कंपनी के पेट्रोल पंप, भाजपा नेताओं के दफ्तर और घरों के आगे धरना अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि किसानों ने 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया हुआ था कि अगर प्रधानमंत्री ने किसानों की बातों पर ध्यान नहीं दिया और कानूनों को रद्द नहीं किया तो सारे धरने रेलवे ट्रैक पर आ जाएंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा।’