वर्ष 2020 समाप्ति की ओर अग्रसर है। इस वर्ष कुल छह ग्रहण का योग बना जिसमें चार चंद्र ग्रहण थे। जिन दो सूर्य ग्रहण का योग बना, इसमें एक तो 21 जून को लग चुका और दूसरा व साल का आखिरी सूर्य ग्रहण सोमवार 14 दिसम्बर को लगने वाला है। साल का यह आखिरी सूर्य ग्रहण 21 जून को लगे सूर्य ग्रहण की तरह नहीं है, यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण काल की अवधि और सूतक विचार
सोमवार को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण 14 दिसम्बर की शाम 7 बजकर 03 मिनट से 15 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे के बाद 22 मिनट तक रहेगा। इस तरह ग्रहण काल की कुल अवधि 5 घंटे और 19 मिनट की होगी। इस बार का सूर्य ग्रहण पूर्ण ग्रहण रहने वाला है और इसे प्रशांत महासागर, अमरीका और अंटार्कटिका में ही देखा जा सकेगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में अदृश्य रहने वाला है इसीलिए इस सूर्य ग्रहण पर भारत में सूतक विचार मान्य नहीं होगा। यही वजह है कि ग्रहण काल में शुभ कार्यों और पूजा-पाठ पर किसी किस्म की रोक नहीं होगी।
ग्रहण और वृश्चिक राशि
यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि व ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है इसलिए वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए सुझाव है कि इस ग्रहण में वे सूर्य की आराधना करें और 15 दिसम्बर को सूर्य संबंधित वस्तुओं जैसे गुड़, गेहूं, लाल वस्त्र, तांबे से बनी उपयोगी वस्तु का दान करें। चूंकि दान-पुण्य का कार्य समय से कर लेना ही श्रेयस्कर होता है और इस ग्रहण के बाद अप्रेल 2021 तक अन्य कोई ग्रहण नहीं होगा इसलिए जो भी दान-पुण्य के कार्य इस वर्ष शेष रह गए हों, इसी ग्रहण पर कर लिए जाएं।
सोमवती अमावस्या का योग
सूर्य ग्रहण इस बार अगहन मास की अमावस्या को है और इस दिन सोमवार होने के कारण सोमवती अमावस्या का भी योग बन रहा है। इस दिन पांच ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु ग्रह वृश्चिक राशि मे रहेंगे। इस संयोग के कारण इस दिन स्नान और दान-पुण्य का पांच गुना फल मिलता है। इसके अलावा अगहन की सोमवती अमावस्या पर पितृदोष निवारण के उपाय भी किये जाते हैं। इस दिन घर में बरगद, पीपल, तुलसी और आम के पौधे लगाने चाहिए।
लेखिका ज्योतिषी एवं प्रैक्टिसिंग रेकी हीलर हैं। अपॉइंटमेंट के लिए [email protected] पर मेल करें।