जयपुर। नगर निगम ग्रेटर के मुख्यालय में तैनात सभी अधिकारियों को अब निगम आयुक्त के कमरे में उपस्थिति दर्ज करानी होगी। उपस्थिति के साथ-साथ उनको मुख्यालय छोड़ने और अनुपस्थिति की सूचना भी अब आयुक्त को देनी होगी।
ग्रेटर आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने शुक्रवार को मुख्यालय के समस्त अधिकारियों को ताकीद किया है कि वह अब अपनी उपस्थिति रोजाना उनके कमरे में दर्ज कराएं। इनमें अतिरिक्त आयुक्त, समस्त उपायुक्त, निदेशक (विधि), मुख्य अभियंता, वित्तीय सलाहकार, अधीक्षण अभियंता, राजस्व अधिकारी, अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, वरिष्ठ नगर नियोजक, उप नगर नियोजक, वरिष्ठ लेखाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी, स्वास्थ्य निरीक्षक, पशु चिकित्सक, रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु), सहायक नगर नियोजक और समस्त अनुभागाधिकारी शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि हाल ही में संभागीय आयुक्त समित शर्मा की ओर से शुरू किए गए निगरानी व पर्यवेक्षण कार्यक्रम के चलते निगम में यह व्यवस्था शुरू की गई है। फिलहाल सरकारी कार्यालयों का पूर्व सूचित निरीक्षण किया गया था, लेकिन संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर से भविष्य में औचक निरीक्षण भी किया जा सकता है।
ऐसे में निगम आयुक्त द्वारा अपने लापरवाह अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए यह प्रक्रिया जरूरी हो गई थी, क्योंकि निगम में अधिकारियों के आने और जाने का समय तो तय है, लेकिन अधिकारी इसकी पालना नहीं करते हैं। इस प्रक्रिया से सभी अधिकारी आयुक्त की नजर में रहेंगे।
बढ़ेगा कोरोना का टेंशन
आयुक्त ने अधिकारियों पर नजर रखने के लिए यह व्यवस्था तो कर दी है, लेकिन कोरोना काल में 30-40 से अधिक अधिकारियों के आयुक्त के कमरे में आने-जाने से आयुक्त कार्यालय में कोरोना की टेंशन बढ़ जाएगी। पता नहीं इनमें से कौन सा अधिकारी पॉजिटिव हो जाए और आयुक्त कार्यालय में संक्रमण फैला जाए। वैसे भी आयुक्त हाल ही में कोरोना का दंश झेल कर उबरे हैं।