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राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल ने कहा, केन्द्र सरकार राज्य के राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति वर्ष 2027 तक करे

केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार, 18 जनवरी को देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ वित्त वर्ष 2021-22 की बजट पूर्व परामर्श बैठक (प्री बजट मीटिंग) हुई। इसमें नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए मांग की कि केन्द्र सरकार राज्य के राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति वर्ष 2027 तक करे।

ताकि राज्य अधिक ऋण ले सकें

उन्होंने बैठक में राजस्थान का पक्ष रखते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 03 प्रतिशत ऋण सीमा आवश्यक वित्तीय संसाधनों की दृष्टि से राज्य के लिए पर्याप्त नहीं होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि जीएसडीपी की 02 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सीमा अनुमत की जानी चाहिए जिससे और अधिक ऋण लिया जा सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कोविड-19 महामारी और आर्थिक मंदी के कारण जीएसटी संग्रहण अपेक्षा के स्तर से कम होने के कारण जो राजस्व घाटा होगा, उसकी क्षतिपूर्ति केन्द्र सरकार के वायदे के अनुसार जून, 2022 तक की गई थी, उसे जून 2027 तक बढ़ाया जाये।

केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़े

धारीवाल ने यह भी ध्यान दिलाया कराया कि केन्द्रीय करों में राज्यों का जो 32 प्रतिशत हिस्सा था। उसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया लेकिन राज्यों को मिलने वाले अनुदान और आयोजना सहायता को इस 42 प्रतिशत में शामिल कर लिया गया है। यही नहीं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र सरकार का जो हिस्सा 75 प्रतिशत हुआ करता था उसे घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ रहा है। अतः इसे 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए।

केंद्रीय कृषि कानूनों का पुनरीक्षण किया जाये

उन्होंने 04 वर्ष से अधिक समय से मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी नहीं होने के मद्देनजर इसमें बढ़ोत्तरी करके केन्द्रीय बजट में शामिल किये जाने एवं देश में बनने वाले सोने व चांदी के गहनों, मूल्यवान व अर्द्धमूल्यवान गहनों पर आयात शुल्क 7.50 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत किये जाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा किसानों के हित में तीन विधेयक पारित किये है। उसी तर्ज पर केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये तीन कृषि कानूनों का पुनः निरीक्षण किया जाना चाहिए जिससे किसानों के मध्य फैला असंतोष समाप्त हो सके।

राजस्थान की किसी भी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं

बैठक के दौरान धारीवाल द्वारा केन्द्र सरकार के संज्ञान में यह भी लाया गया कि राजस्थान की किसी भी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है। इसलिए राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देकर बजट में शामिल किया जाये साथ ही भारत सरकार द्वारा राज्य के जिन 50 मार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। उनकी अधिसूचना शीघ्र जारी करते हुए उसको बजट में शामिल किया जाये। उन्होंने वर्ष 2021-22 के बजट में कोटा में प्रस्तावित एयरपोर्ट के खर्चे का भी बजट प्रावधान किये जाने की मांग की।

राजस्थान के 20 जिलों में शहरी गैस वितरण परियोजना को मंजूरी मिले

धारीवाल ने राजस्थान राज्य का पक्ष रखते हुए नई रेल लिंक परियोजनाओं जैसे रतलाम-डूंगरपुर, गंगापुरसिटी के साथ धौलपुर और सरमथुरा के बीच ब्रॉडगेज, अजमेर से सवाईमाधोपुर वाया टोंक एवं जैसलमेर से कांडला पोर्ट को केन्द्रीय बजट 2021-22 में शामिल किये जाने का आग्रह किया । उन्होंने यह उल्लेख भी किया कि राजस्थान फील्ड से गुजरात तक गैस पाइप लाइन को मंजूरी दे दी गई है। अतः राजस्थान के 20 जिलों में शहरी गैस वितरण परियोजनाओं के कार्य को भी मंजूरी दी जाये।

उन्होंने ग्रामीण सहकारी बैंकों को आयकर से मुक्त किये जाने का सुझाव भी दिया। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार की कंपनी या संस्थान द्वारा उसी सरकार की दूसरी कंपनी या संस्थान के लिए कोई सेवा दी जाती है तो उस पर जीएसटी नहीं है। इस संबंध में समुचित स्पष्टीकरण जारी करने के लिए अधिसूचना जारी की जाये।

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