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जोश, उत्साह और वैभव के साथ मनाया जा रहा है 72वां गणतंत्र दिवस

अपना देश भारत मंगलवार 26 जनवरी को 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने के लिए सरकारी स्तर पर आयोजन चल रहे हैं। देश की राजधानी नई दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर सेना के शौर्य का प्रदर्शन हुआ और भव्य परेड निकाली गई। कोरोना महामारी के कारण सरकारी दिशानिर्देशों की अनुपालना परेड में विभिन्न परिवर्तन किये गये। आमतौर पर इस दिन अन्य देशों के राजनेताओं को मुख्यअतिथि के तौर पर निमंत्रित किया जाता रहा है किंतु इस बार कोरोनाकाल के मद्देनजर गणतंत्र दिवस पर किसी भी देश के राजनेता मुख्य अतिथि नहीं हैं।

शहीदों को सलाम करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
उपराष्ट्रपति वैंकय्या नायडू का स्वागत

 चाक-चौबंद सुरक्षा

कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर इस बार राजपथ पर परेड देखने के लिए 25 हजार लोग ही जुटे। आमतौर पर करीब एक लाख लोग इस परेड को देखने के लिए आते रहे हैं। देश के शौर्य , संस्कृति और अनेकता में एकता की झलक दिखाती परेड के मार्ग को छोटा किया गया है। आमतौर पर गणतंत्र दिवस परेड  राजपथ से लाल किले तक जाती है लेकिन इस बार इसका मार्ग विजयचौक से नेशनल स्टेडियम तक ही रखा गया है । कोरोना चलते इस बार परेड में मार्चिंग दस्ते की संख्या को 144 से घटा कर 96 कर दिया गया है। इससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित हो सकेगा। सुरक्षा के जबर्दस्त इंतजाम किये गये हैं। नई दिल्ली में छह हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और अनेक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं।

गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के अत्याधुनिक विमान राफेल ने भी उड़ान भरकर अपनी ताक प्रदर्शित की

राजपथ पर शक्ति प्रदर्शन

राजपथ पर सेना की ओर से ब्रह्मोस, पिनाक, राफेल और विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक टैंकों का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रपति ने इन सभी की सलामी ली। विभिन्न रेजीमेंटों की ओर से बैंड वादन करते हुए परेड सलामी दी गई। कुल मिलाकर आक्रमण और रक्षा की प्रमुख प्रणालियों का प्रदर्शन इस मौके पर किया गया। इसके अलावा सीआरपीएफ के जवानों और दिल्ली पुलिस के जवानों ने भी राष्ट्रपति को सलामी दी। इसके अलावा विभिन्न राज्यों विशेषतौर पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की झांकी प्रस्तुत की गई।

किसानों को रैली की इजाजत

उधर, कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग कर रहे किसानों को भी नई दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई। उन्हें दोपहर 12 से से शाम बजे तक रैली की अनुमति की गई। दिल्ली पुलिस ने इस रैली के लिए 5000 ट्रैक्टरों को ही रैली की इजाजत दी है और इस रैली के लिए की सुरक्षा के लिहाज से 2500 किसानों की मदद भी ली है।

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