जयपुर। नगर निगम ग्रेटर का पहला बजट गुरुवार को महापौर सौम्या गुर्जर ने बोर्ड के समक्ष पेश किया। उन्होंने 821.60 करोड़ के इस बजट में केवल 181.06 करोड़ रुपए ही शहर की मूलभूत सुविधाओं के रखरखाव के लिए निर्धारित किये हैं।
साधारण सभा की बैठक में सड़क से लेकर सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने की बात हुई। बदहाल सफाई व्यवस्था और बजट में सीवरेज सिस्टम के लिए रखी गई कम राशि पर सदन में खूब हंगामा हुआ। पार्षदों ने तो यहां तक कह दिया कि यदि घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कम्पनी काम नहीं कर पा रही है तो उसको निगम से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। सदन में दो बार हंगामा भी हुआ। इस वजह से सदन को दो बार स्थगित भी किया गया। सभा में 149 पार्षदों ने हिस्सा लिया।
इससे पूर्व बोर्ड बैठक शुरू होने के साथ महापौर ने पिछले दिनों जिन नेताओं का निधन हुआ और जिन लोगों की दुर्घटना में मृत्यु हुई, उनके लिए शोक संदेश पढ़े। इस पर कांग्रेस पार्षद करण शर्मा ने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करने की मांग की। इस बात पर भाजपा पार्षदों ने आपत्ति जताई और कहा कि आंदोलन में खालिस्तान समर्थक बैठे थे। इसी बात पर दोनों तरफ से हंगामा शुरू हो गया। शोर-शराबे के बीच ही 2 मिनट का मौन रखा गया। मौन खत्म होने के बाद सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच खींचतान होती रही। दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी की गई। जय श्री राम…वंदे मातरम… खालिस्तान मुर्दाबाद… जैसे नारों से सदन गूंज उठा। करीब 15 मिनट तक दोनों दलों के पार्षदों के बीच नारेबाजी चली। बाद में जब मेयर वापस सदन में आईं तब कहीं जाकर दोनों पक्ष शांत हुए।
निशाने पर रही बीवीजी कम्पनी
बैठक में सभी पार्षदों के निशाने पर बीवीजी कम्पनी रही। भाजपा पार्षद अभय पुरोहित ने कहा कि दिसम्बर, 2018 से अब तक कम्पनी को 482 नोटिस जारी किए गए, लेकिन हुआ क्या? न तो कम्पनी सुधरी और न ही लोगों को सहूलियत मिली। निर्दलीय पार्षद जय वशिष्ठ ने अपने वार्ड के हूपर महापौर के वार्ड में चलने का दावा किया। उन्होंने इसके सबूत भी महापौर को दिए। कांग्रेस पार्षद रेखा करोल ने कहा कि कम्पनी के कर्मचारी बदतमीजी से महिलाओं के साथ बात करते हैं। आप सुधार दो तो ठीक है, नहीं तो हमें सुधारना आता है। इस पर महापौर ने आसन से निर्देश दिए कि 30 दिन की अवधि में बीवीजी कंपनी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई कर नई व्यवस्था की कार्ययोजना लागू की जाए।
पूर्व महापौर धाबाई पीछे बैठी, डिप्टी मेयर लेकर आए आगे
पूर्व महापौर शील धाबाई सदन शुरू होने से चंद मिनट पहले पहुंची और अंतिम पंक्ति में जाकर बैठ गयीं। इसके बाद उप महापौर पुनीत कर्णावट, पार्षद राखी राठौड़ और दिनेश कांवट, अरुण शर्मा, विनोद शर्मा ने महापौर से मंत्रणा की और उसके बाद धाबाई को अग्रिम पंक्ति में लाकर बैठाया गया।
ये थे प्रस्ताव
821 करोड़ रुपए का बजट, पार्षदों का भत्ता 3500 रुपए से बढ़ाकर 11000 रुपए, हुडको से 500 करोड़ रुपए लोन लिया जाए, पार्षदों के लिए लैपटॉप का प्रावधान, प्रत्येक वार्ड में दो अकुशल श्रमिकों की नियुक्ति, नए बिल्डिंग बाइलॉज लागू किए जाएं, आरक्षित दरों को प्रभावी करने का प्रस्ताव, शहर में साफ-सफाई पर चर्चा, समितियों के गठन का अधिकार महापौर को दिया जाए।
बजट: विकास का खाका
सड़क और नाली मरम्मत 40 करोड़, अन्य निर्माण 40 करोड़, नई सड़कों का निर्माण 33 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन 20 करोड़, उद्यान और पौधारोपण 18 करोड़, सीवरेज राशि 15 करोड़, बिजली लाइन वृद्धि 12 करोड़, मोक्षधाम और कब्रिस्तान 3.60 करोड़
बैठक के बाद महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि हमें विरासत में खाली खजाना मिला है। 165 करोड़ का देनदारियां हैं। जमीन विक्रय के लिए लैंड बैंक बनाने का काम किया जा रहा है। कमजोर और पिछड़े लोगों के लिए काम करेंगे। कच्ची बस्तियों का विकास करेंगे। हमारा वादा है कि ग्रेटर निगम में भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देंगे।
विकास के लिए एकजुटता जरूरी
उप महापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि ग्रेटर नगर निगम के हर व्यक्ति की इस बजट पर नजर है। सभी को साथ लेकर चलने की मंशा महापौर की है। इसी वजह से सभी 150 पार्षदों से सुझाव लेकर एजेंडा तय किया गया है। विकास के मुद्दे पर सहयोग करेंगे तो शहर का विकास तेजी से होगा। विकास के लिए एकजुट रहकर काम करना होगा।