देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्र का वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। विभिन्न नेताओं ने इस बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
यह बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट है। बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा, साथ ही युवाओं को कई मौके देने का काम करेगा। इस बजट के दिल में गांव और किसान हैं ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं, जिसकी शुरुआत में अच्छे रिस्पॉन्स आए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
कोरोना महामारी में इस वर्ष का बजट बनाना निश्चित रूप से एक जटिल काम था। पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सर्वस्पर्शी बजट पेश किया है। यह आत्मनिर्भर भारत, 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था किसानों की आय दो गुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
बेहद निराशाजनक बजट है। सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी
हमें उम्मीद थी कि असाधारण स्थिति में जब बजट पेश होगा तो इसमें असाधरण कदम उठाने की झलक मिलेगी, लेकिन सरकार असाधारण स्थिति में बड़े साधारण और निजीकरण की राह पकड़ कर खुद को बचाना चाहती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘बजट में समाज के हर तबके के लिए बहुत कुछ प्रावधान किया गया है. इसमें देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए जो प्रयास हुआ है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव करने के लिए जिस प्रकार की कार्ययोजना बनाई गई है वह अभिनंदनीय है. यह बहुत महत्वपूर्ण और व्यवहारिक बजट है.’
एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान
वित्त मंत्री ने एक संतुलित बजट पेश किया है। कोरोना से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित है उसके बावजूद बजट में हर वर्ग ध्यान रखा गया है। इस महामारी के दौरान इससे संतुलित बजट नहीं हो सकता।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी
वित्त मंत्री के भाषण में इसका कोई जिक्र ही नहीं हुआ कि जीडीपी में 37 महीनों की रिकॉर्ड गिरावट है। 1991 के बाद से यह सबसे बड़ा संकट है। देश की बहुमूल्य संपत्तियों को बेचने के अलावा बजट में कोई मुख्य ध्यान नहीं दिया गया।