जयपुर

‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लिए सांस्कृतिक विरासत को माध्यम बनाएंः राज्यपाल कलराज मिश्र

जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि देश के अलग-अलग अंचलों की लोक संस्कृति-लोक कलाओं की विभिन्न विधाओं को एक सूत्र में पिरोकर देश की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण आज के समय की प्रमुख आवश्यकता है। उन्होंने आह्वान किया है कि साझा सांस्कृतिक विरासत को माध्यम बनाकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए।

राज्यपाल सोमवार को राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष के तौर पर परिषद के शाषी निकाय और कार्यकारी निकाय की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कलाएं और सांस्कृतिक विधाएं भौगोलिक सीमाओं से परे होती हैं, इन्हें प्रोत्साहन प्रदान कर अनुकूल मंच उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है, ताकि इन्हें अक्षुण्ण बनाए रखते हुए भावी पीढ़ी के लिए संजोकर रखा जा सके। जनजातियों की कलाओं को विलुप्त होने से बचाने के लिए और अधिक सक्रियता से कार्य करने की जरूरत है।

मिश्र ने आह्वान किया कि युवाओं और बच्चों को संस्कृति से जोडऩे और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी सहभागिता बढ़ाने के लिए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र को योजना बनाकर चरणबद्ध रूप से कार्य करना चाहिए। उन्होंने केन्द्र को वित्तीय रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए इसके कार्यक्रमों और गतिविधियों के आयोजन में प्रायोजकों को साथ जोडऩे का सुझाव भी दिया। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की रचना के भौगोलिक पुनर्गठन के प्रस्ताव पर बैठक में सदस्य राज्यों के प्रतिनिधियों के सामने आए विचारों से भारत सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।

इस अवसर पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सदस्य राज्यों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान की जो परम्परा विकसित हुई है, उसे कायम रखने के लिए वर्तमान सदस्य राज्यों को इसी सांस्कृतिक केन्द्र से जोड़े रखना उचित होगा।

Related posts

Rajasthan: मिलावट के विरुद्ध अभियान के तहत 4500 किलो मसाले जब्त

Clearnews

Clearnews

Rajasthan: लू एवं गर्मी जनित बीमारियों से बचाव के लिए हर जिले का बनेगा एक्शन प्लान

Clearnews